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निराश्रित गौवंश आवारा घूमता हुआ नजर नहीं आना चाहिए-नोडल अधिकारी

नोडल अधिकारी ने किला परीक्षितगढ में किया कान्हा गौशाला का औचक निरीक्षण

 

ठंड से न हो किसी भी गौवंष की मृत्यु, करें आवष्यक प्रबंध-नोडल अधिकारी

 

मेरठ- जनपद के नोड़ल अधिकारी आबकारी आयुक्त पी0 गुरू प्रसाद ने आज जनपद में क्रियाशील कान्हा गौशाला, किला परीक्षितगढ जनपद मेरठ का औचक निरीक्षण किया। उन्होने निर्देषित किया कि जनपद में कहीं भी निराश्रित गौवंष आवारा घूमता हुआ नजर नहीं आना चाहिए। निराश्रित गौवंष संरक्षण योजना मुख्यमंत्री की प्राथमिकताओं में है, इसमें किसी भी प्रकार की लापरवाही को बर्दाष्त नहीं किया जायेगा। उन्होने कहा कि प्रत्येक गौशाला में गौवंशो को ठंड से बचाने हेतु प्रबंध किये जाये तथा यह सुनिष्चित किया जाये कि ठंड से किसी भी गौवंश की मृत्यु न हो। गौशाला में 150 गोवंश की क्षमता के सापेक्ष 29 गोवंश सरंक्षित है।

नोडल अधिकारी पी0 गुरू प्रसाद ने निर्देषित किया कि क्षेत्र में निराश्रित गोवंशो को संरक्षित कर गोशाला की क्षमता का पूर्ण उपयोग किया जाये तथा गोशाला को स्वाबलम्बी बनाने हेतु किये जा रहे प्रयासों का एक माॅडल के रूप में अन्य गो आश्रय स्थलों पर किया जाये। उन्होने निर्देषित किया कि सहभागिता योजनान्तर्गत पशुपालको को गौवंशो को पालने हेतु दिया जाये। उन्होने कहा कि प्रत्येक गौशाला में गौवंषो को ठंड से बचाने हेतु प्रबंध किये जाये तथा यह सुनिष्चित किया जाये कि ठंड से किसी भी गौवंष की मृत्यु न हो।
नोडल अधिकारी के निरीक्षण के दौरान उनके संज्ञान में आया कि कान्हा गौशाला के बाहर नगर पंचायत द्वारा एक तालाब का निर्माण कराया गया है। जिसमें नौकायन संचालित कर पर्यटन करने की योजना है। उन्होने निर्देषित किया कि इस कार्य को जल्द से जल्द पूर्ण कर जनउपयोग में लाया जाये। उनके संज्ञान में आया कि गौशाला संचालन समिति द्वारा गो आश्रय स्थल पर गोवंश के गोबर से निर्मित दीपक, धूपबत्ती, गणेश, लक्ष्मी एवं अन्य हिन्दू देवी-देवताओं की मूर्तियां, दीवार घडी इत्यादि के बने हुए माॅडल बेचे जाते है, जिससे गो आश्रय स्थल के संचालन में आर्थिक सहायता मिल रही है। नोडल अधिकारी ने किये जा रहे इस प्रयास की प्रषंसा की। उन्होने कहा कि निराश्रित गौवंष संरक्षण केन्द्र को स्वावलंबी बनाना प्रदेश सरकार की प्राथमिकताओं में से है।
मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डा0 अनिल कंसल ने बताया कि कान्हा गौशाला का निर्माण शासन द्वारा आवंटित 1.63 करोड की धनराशि से किया गया है। इस गौशाला में 150 गोवंश रखने की क्षमता है। वर्तमान में 29 गोवंश सरंक्षित पाये गये,समस्त गोवंशों में ईयर टैगिंग पाई गई, समस्त नर गोवंशों का बधियाकरण किया गया है।समस्त गोवंशों का स्वास्थ्य उत्तम पाया गया।
मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डा0 अनिल कंसल ने बताया कि कान्हा गौशाला में बायो गैस प्लांट का निर्माण हो चुका है, जो अभी क्रियाशील होना है। गो आश्रय स्थल पर प्रकाश हेतु 40 सोलर लाईट लगी पायी गयी एक सबमर्शियल और ट्यूबवेल लगाया गया है। बिजली एवं जनरेटर की व्यवस्था है। उन्होने बताया कि ठंड से बचाव हेतु पूरे शेड को आधुनिक तिरपाल से कवर किया गया है। समस्त 29 गोवंशों के ऊपर जूट के कोट है तथा ठंड से बचाव हेतु बिछावन के लिए पुआल की पूर्ण व्यवस्था है।
इस अवसर पर अपर जिलाधिकारी प्रशासन मदन सिंह गब्र्याल, उप जिलाधिकारी, मवाना कमलेष गोयल, पशु चिकित्साधिकारी परीक्षितगढ डा0 कपिल त्यागी, अधिशासी अधिकारी परीक्षितगढ आर0 के0 यादव, किला परीक्षितगढ के नगर पंचायत अध्यक्ष अमित मोहन गुप्ता आदि उपस्थित रहे।

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