मेरठ-एसोचैम द्वारा आयोजित तीन दिवसीय 14वी उच्च शिक्षा शिखर सम्मेलन का उद्घाटन 18 फरवरी 2021, को शिक्षा मंत्री भारत सरकार डॉ रमेश पोखरियाल निशंक द्वारा किया गया।
इस शिखर सम्मेलन में शिक्षा मंत्री ने नई शिक्षा नीति द्वारा भारतीय शिक्षा पद्धति में होने वाले सकारात्मक प्रभाव के विषय में अवगत कराया शिक्षा मंत्री ने प्रधानमंत्री जी के आह्वान शिक्षा में अनुसंधान पर जोर दिया ।
शोभित विश्वविद्यालय, के कुलाधिपति एवं एसोचैम की राष्ट्रीय शिक्षा परिषद के सह-अध्यक्ष, कुंवर शेखर विजेंद्र ने इस अवसर पर बोलते हुए स्वामी विवेकानंद जी के विचार” जिस शिक्षा से हम अपनी जीवन निर्माण कर सकें, चरित्र गठन कर सकें और विचारों का सामंजस्य कर सके वही वास्तव में शिक्षा कहलाने योग्य है” को रखते हुए नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति की सराहना की। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति देश के मूल भावना पर आधारित है यह अतीत को भविष्य से जोड़ती है यह नीति जितनी राष्ट्रीय है उतनी ही अंतरराष्ट्रीय है यह नीति उच्च शिक्षा के साथ ग्रामीण एवं शहरी दोनों क्षेत्रों में व्यवसाय प्रशिक्षण के लिए नए बुनियादी ढांचे के निर्माण में महत्वपूर्ण योगदान देगी। नई शिक्षा नीति का उद्देश्य शिक्षा प्रदान करने के साथ-साथ क्षेत्रीय भाषाओं के संदर्भ में भारत की विविधता को प्रस्तुत करना राष्ट्रीय एकता एवं समरसता की अत्यंत महत्वपूर्ण पहल है। उन्होंने सुझाव दिया की नई शिक्षा नीति के कार्यान्वयन के लिए एक विस्तृत रोडमैप द्वारा दिशा निर्देश जारी करने की आवश्यकता है। जिससे देश भर में शिक्षा नीति के कार्यान्वयन प्रक्रिया सुचारू रूप से प्रारंभ हो सके। नई शिक्षा नीति के कार्यान्वयन के लिए निश्चित समय सीमा निर्धारित करने की आवश्यकता है।
इस शिखर सम्मेलन में देश के प्रमुख शिक्षाविद एवं डॉ अनिल सहस्त्रबुद्धे, अध्यक्ष अखिल भारतीय प्रौद्योगिकी शिक्षा परिषद,डॉ श्रीमती पंकज मित्तल, प्रधान सचिव भारतीय विश्वविद्यालय संघ, प्रोफेसर आशुतोष शर्मा, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग, विनीत अग्रवाल, अध्यक्ष एसोचैम, डॉ प्रशांत भल्ला, विनीत गुप्ता एवं नीरज अरोरा प्रमुख वक्ता रहे।