मेरठ। महानगर में सराफा व्यापारियों के खिलाफ बढ रही लूट और हत्या की वारदातों को देखते हुए सर्राफा व्यापारियों में आक्रोश है। हालात यह है कि व्यापारी व्यापार करने में घबरा रहा है। पिछले दो महीने में करीब आधा दर्जन वारदातें सराफा व्यापारियों के साथ हो चुकी हैं। लेकिन इन वारदातों में खुलासे की बात की जाए तो अब तक किसी में भी पुलिस ने सही खुलासा नहीं है। ऐसा सराफा व्यापारियों और पीड़ितों का कहना है। अखिल भारतीय स्वर्णकार संघ ने सर्राफा व्यापारियों के साथ आए दिन हो रही लूटपाट डकैती की घटनाओं के विरोध में आज सोमवार को आइजी कार्यालय में ज्ञापन दिया। संघ के पदाधिकारियों ने कहा कि सर्राफा बाजार में व्यापारियों को शस्त्र लाइसेंस दिया जाए। लाइसेंस नवीनीकरण को लेकर होने वाली जटिल प्रक्रिया के निपटारे के लिए एकल खिड़की व्यवस्था लागू की जाए।
शास्त्रीनगर में सर्राफा व्यापारी के घर हुई डकैती के मामले में पुलिस के खाली हाथ होने को लेकर पदाधिकारियों ने रोष जताया। घटना के जल्द खुलासे की मांग की गई। कर्जा देने वाले चक्कर काट रहे है। व्यापारी की सुरक्षा को लेकर भी खतरा है। ललित कुमार शैल, संत कुमार वर्मा संदीप वर्मा आदि मौजूद रहे। आइजी कार्यालय में व्यापारियों को आश्वासन दिया गया है। पदाधिकारियों का कहना था कि पुलिस लूट की घटना के बाद व्यापारियों पर ही दबाव बनाती है। जबकि उसे आरोपियों को पकड़ना चाहिए। शास्त्रीनगर सेंटल बाजार में हुई व्यापारी के साथ लूट का अभी तक पुलिस कोई खुलासा नहीं कर पाई है। हालांकि पुलिस ने इस मामले में आधा—अधूरा खुलासा कर अपराधियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। पुलिस के इस खुलासे से व्यापारी संतुष्ट नहीं थे। व्यापारियों का कहना है कि पुलिस की इसी लचर कार्यप्रणाली के चलते ही बदमाशों के हौसले बुलंद हैं और सराफा कारोबारी परेशान और भय ग्रस्त हैं।