जिलाधिकारी की अध्यक्षता में संपन्न हुई बर्ड फ्लू नियंत्रण के संबंध में बैठक
जनपद में बर्ड फ्लू नियंत्रण के लिए जनपदीय एक्षन प्लाॅन तैयार-जिलाधिकारी
विकास खंड स्तर पर प्रभावी नियंत्रण के लिए कार्य योजना बनाये, ग्रामों में कराये मुनादी-जिलाधिकारी
माईग्रेटेड पक्षी के द्वारा फैलता है बर्ड फ्लू, पोल्ट्री फार्म के आसपास कराये पेडो की छटाई व कटाई-नोडल अधिकारी डा0 रजनीश
मेरठ- बर्ड फ्लू एक हाईली पैथोजेनिक वायरस है। जनपद में इसके नियंत्रण के लिए जनपदीय एक्षन प्लाॅन तैयार किया जा चुका है। 12 रैपिड रेस्पान्स टीम कार्यरत है तथा राजकीय पशु चिकित्सालय सदर में एक कंट्रोल रूम भी बनाया गया है जो कि 24 घंटे संचालित है। बचत भवन में बर्ड फ्लू (एवीयन फ्लू वायरस) के प्रभावी नियंत्रण के सम्बंध में आहूत बैठक की अध्यक्षता जिलाधिकारी के0 बालाजी ने की। उन्होने विकास खंड स्तर पर प्रभावी नियंत्रण के लिए कार्य योजना बनाने के लिए निर्देषित किया तथा ग्रामों में मुनादी कराने के लिए कहा।
जिलाधिकारी के0 बालाजी ने कहा कि सभी पोल्ट्री फार्म बायो-सिक्योरिटी गाईडलाईन का अनुपालन सुनिष्चित करें। उन्होने कहा कि पक्षियों की मृत्यु की सूचना तत्काल जिला प्रषासन को दें। उन्होने डीपीआरओ को निर्देषित किया कि वह ग्रामों में इस बात की मुनादी कराये कि अगर बिना कारण कोई पक्षी मर रहा है तो उसकी सूचना जिला प्रशासन या कंट्रोल रूम को अवष्य दे। उन्होने निर्देषित किया कि हर पोल्ट्री फार्म पर पक्षियों, अंडे व उनके फीड को सूचीबद्ध किया जाये।
मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डा0 अनिल कंसल ने कहा कि बर्ड फ्लू के नियंत्रण के लिए सभी विभागों को दायित्व दिये गये है जिसमें सर्वेक्षण व अन्य कार्य पशुपालन विभाग को, जिला पंचायत राज विभाग के माध्यम से पोल्ट्री फार्मो को ग्राम विकास अधिकारियों द्वारा सूचीबद्ध करना, विकास खंड स्तर पर पक्षियों की बिक्री केन्द्रो को सूचीबद्ध करने का कार्य खाद्य एवं प्रसंस्करण विभाग को दिया गया है। स्वास्थ्य, वन आदि विभागों को भी दायित्व दिये गये है।
उन्होने बताया कि जनपद में छोटे व बडे मिलाकर 62 पोल्ट्री फार्म है। उन्होने बताया कि जनपद में बर्ड फ्लू नियंत्रण के लिए राजकीय पशु चिकित्सालय सदर में एक कंट्रोल रूम बनाया गया है जिसका मोबाइल नंबर 9412662803 है। यह कंट्रोल रूम 24 घंटे संचालित है।
बर्ड फ्लू के नियंत्रण के लिए नोडल अधिकारी बनाये गये डा0 रजनीश ने पावर पाइंट प्रजेन्टेषन के माध्यम से प्रस्तुतीकरण देते हुये कहा कि बर्ड फ्लू माईग्रेटेड पक्षी के द्वारा फैलता है। उन्होने कहा कि आमजन द्वारा जो सतर्कता कोरोना के लिए बरती गयी है जैसे माॅस्क पहनना, नियमित अंतराल पर हाथ धोना व सोषल डिसटेनसिंग का पालन करना, वैसी ही सतर्कता बर्ड फ्लू के लिए बरतनी है।
उन्होने कहा कि पक्षियों की ड्रोपिंग्स को पोल्ट्री फार्म में नहीं रहने दिया जाना चाहिए। इसकी सफाई प्रत्येक दिन की जानी चाहिए। उन्होने कहा कि पोल्ट्री फार्म के आसपास पेडो की छटाई/कटाई की जानी चाहिए ताकि वहां कोई माइग्रेटेड बर्ड आकर न बैठे। उन्होने बताया कि इसके लिए परीक्षण रीयल टाईम पीसीआर है।
इस अवसर पर पशु पालन विभाग के जनपद, तहसील व ब्लाॅक स्तर के चिकित्सकगण व अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे।