मेरठ- मेरठ कमिश्नर, सुरेन्द्र सिंह व जिलाधिकारी के0 बालाजी ने मेरठ में आरआरटीएस कॉरिडोर का विजिट किया। उनके साथ उप जिलाधिकारी सरधना सूरज पटेल, एसपी ट्रैफिक जितेंद्र कुमार श्रीवास्तव अन्य अधिकारीगण मौजूद थे। मेरठ कमिश्नर और पूरी टीम को सबसे पहले मुख्य परियोजना प्रबंधक मेरठ ने मोदीपुरम के कार्यालय में प्रोजेक्ट के प्रोग्रेस के बारे में बताया।
उन्होंने सबसे पहले मोदीपुरम स्टेशन के निर्माण के अंतर्गत किये जाने वाले पिलर निर्माण प्रक्रिया को देखा। मोदीपुरम स्टेशन, मेरठ में आरआरटीएस कॉरिडोर का आखिरी स्टेशन है। यहां स्टेशन उत्तर दिशा में सड़क के बायीं ओर बनाया जा रहा है। अभी स्टेशन निर्माण के लिए पिलर बनाये जा रहे हैं। उनके साथ मेरठ के कुछ स्कूली बच्चों भी आये हुए थे जिन्होंने आरआरटीएस कॉरिडोर में किये जा रहे कार्यों को देखा और समझा।
बच्चों को बताया गया कि एलिवेटेड स्टेशन का निर्माण पिलरों के ऊपर किया जाता है। वे यह जानकर आश्चर्य चकित हुए की जितना ऊंचा पिलर हम जमीन के ऊपर देखते हैं उससे कहीं ज्यादा हिस्सा जमीन के नीचे होता है जिसे पिलर फाउंडेशन कहते हैं। इसके बाद सभी अधिकारीगण मेरठ नार्थ, डोरली और एमईएस कॉलोनी होते हुए बेगमपुल, भैसाली और मेरठ सेंट्रल आदि स्टेशन के निर्माण को भी देखा।
भैसाली पर भूमिगत स्टेशन का निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है और टनल बोरिंग मशीन से सुरंगों का निर्माण किया जाना है। सभी ने इस विशाल मशीन के पार्ट्स को देखा जो यहां लाये जा रहे है। शीर्घ ही टनल बोरिंग मशीन के असेम्बलिंग की प्रक्रिया प्रारंभ होने वाली है। इसके बाद उन्हें रिठानी, मेरठ में एलिवेटेड कॉरिडोर के निर्माण के लिए लगाए गए लॉन्चिंग गैन्ट्री (तारिणी) के द्वारा प्री कास्ट सेगमेंट लिफ्टिंग तकनीक को लाइव दिखाया गया।
अंत मे मेरठ में कॉरिडोर के अन्य स्टेशन को देखते हुए सबने शताब्दी नगर स्थित कास्टिंग यार्ड देखा जहां स्टेशन, वायाडक्ट आदि के निर्माण के लिए प्री कास्ट सेग्मेंट्स बनाये जा रहे हैं। साथ ही ट्रैक स्लैब फैक्ट्री में आरआरटीएस कॉरिडोर के लिए ट्रैक स्लैब निर्मित किये जा रहें हैं।
एनसीआरटीसी ने निर्माण स्थलों में और उसके आसपास व्यापक प्रदूषण नियंत्रण उपाय करते हुए निर्माण की गति को बनाए रखा है। विशेषज्ञों की एक समर्पित टीम नियमित रूप से इन उपायों की प्रभावशीलता की निगरानी कर रही है और जहां भी आवश्यक हो गतिविधियों को तेज कर रही है। निर्माण कार्य पर्याप्त ऊंचाई के बैरिकेडिंग जोन में किया जा रहा है और इन स्थलों पर पूरी तरह से साफ-सफाई का ध्यान रखा जा रहा है। निर्माण की धूल को निपटाने के लिए एंटी-स्मॉग गन, वाटर स्प्रिंकलर लगाए गए हैं। सभी कच्चे माल, मलबे को उनके चिन्हित स्थलों पर ढक कर रखा जाता है।