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आत्मा परमात्मा व प्रकृति शाश्वत: सोमदत्त भारद्वाज

– बरनावा लाक्षागृह पर चतुर्वेद महायज्ञ का सातवां दिन

बिनौली।  बरनावा के लाक्षागृह स्थित श्री महानंद संस्कृत विद्यालय में चल रहे विश्व कल्याण चतुर्वेद पारायण महायज्ञ के सातवे दिन वैदिक विद्वान सोमदत्त भारद्वाज ने कहा कि यज्ञ वैज्ञानिक प्रक्रिया है।

फ्रांस से आये सोमदत्त भारद्वाज ने वेदोपदेश देते हुए कहा कि विज्ञान से ही यज्ञ का विस्तार होता है। मन प्रकृति का सूक्ष्मतम तत्व है। मन की एकाग्रता को प्राप्त करने के लिए योग जरूरी है।। मन को एकाग्र कर ही परमात्मा की स्तुति की जा सकती है। यज्ञ में आहुति देते हुए परमात्मा की स्तुति करने वाले मनुष्य को जीवन मे सुख शांति मिलती है। उन्होंने भारतीय संस्कृति और वैदिक सिद्धांतों को सर्वोपरि बताते हुए कहा कि आत्मा परमात्मा प्रकृति इन तीनों को जानने के लिए परमात्मा द्वारा प्रदत्त मेधा बुद्धि की आवश्यकता है तभी हम उक्त तीनों तत्वों को गहनता से जान सकते हैं। आत्मा परमात्मा प्रकृति तीनों ही शाश्वत हैं। यह परमात्मा की ही देन है मेघा बुद्धि के बगैर उक्त तीनों तत्व को मनुष्य नहीं जान सकता। आचार्य गुरुवचन शास्त्री, विनोद शास्त्री, अरविंद शास्त्री, स्वामी सत्यवेश, सुनील शास्त्री, देवेंद्र शास्त्री आदि ने भी वेदोपदेश दिया। भाजपा प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य जयप्रकाश तोमर, डॉ. अनिल चौहान, शौकेंद्र आर्य, संजीव आर्य, डॉ. राजेंद्र, यशपाल सिंह, शोदान शास्त्री, यशोधर्मा, कपिल शास्त्री, मोहित, गंगाशरण, जेपी त्यागी आदि मौजूद रहे।

 

 

 

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