मेरठ- स्कूल ऑफ लॉ एंड कांस्टीट्यूशनल स्टडीज शोभित विश्वविद्यालय मेरठ में राष्ट्रीय विधि सेवा प्राधिकरण एवं जिला विधि सेवा प्राधिकरण के सहयोग से सूचना का अधिकार एवं बाल अधिकार संरक्षण विषय पर सेमिनार का आयोजन किया गया।
सेमिनार में नलिन कुमार श्रीवास्तव जिला जज मेरठ मुख्य अतिथि के रुप में उपस्थित रहे। सेमिनार का संचालन विभाग की डीन डॉ रश्मि नागपाल द्वारा किया गया।
कार्यक्रम में मुख्य वक्ता एडिशनल सेशन जज श्री अशरफ अंसारी जी ने सूचना के अधिकार एवं बच्चों के अधिकारों की बात करते हुए कहा कि भारत के सूचना के अधिकार में आज भी बहुत सारी कमियां हैं जिसकी वजह से लोगों को सही जानकारी नहीं मिल पाती है। सूचना का अधिकार लाने का उद्देश्य भ्रष्टाचार रोकना एवं लोगों को उनकी जिम्मेदारी का एहसास दिलाना था।लेकिन आज भी बहुत सारी संस्थाएं सूचना के अधिकार से बाहर हैं और कुछ प्राइवेट संस्थाएं भी सूचना के अधिकार से बाहर हैं। भारत एक लोकतांत्रिक देश है जहां पर पारदर्शिता होनी आवश्यक है। भारत में लागू ऑफिसियल सीक्रेट एक्ट की वजह से भी बहुत सारी जानकारी लोगों के सामने नहीं आ पाती हैं। इसलिए हमें अपने सूचना के अधिकार में बदलाव लाने की आवश्यकता है। उसको और अधिक पारदर्शी बनाने की आवश्यकता है।आज जिस प्रकार प्रधानमंत्री रिलीफ फंड में जो धन है वह भी सूचना के अधिकार से बाहर है उस फंड में भारत के लोगों का पैसा है लेकिन वह कहां लगाया जा रहा है इसकी कोई भी जानकारी किसी भी व्यक्ति के पास नहीं है। इसलिए हमें पारदर्शिता एवं अकाउंटेबिलिटी लाने की आवश्यकता है।
एडिशनल सिविल जज श्री जयवीर सिंह जी ने बाल अधिकारों से जुड़ी बहुत सारी जानकारियां वेबीनार के माध्यम से छात्रों को दी ।उन्होंने कहा की भारत में बाल अधिकार से जुड़े कानून तो बहुत सारे हैं लेकिन उनका सही इंप्लीमेंटेशन होना आवश्यक है। श्री कुलदीप सिंह जिला विधिक प्राधिकरण ने भी विषय से संबंधित अपने विचार रखें।कार्यक्रम के अंत में बोलते हुए प्रोफेसर महेश कुमार मिश्रा पूर्व आईपीएस अधिकारी ने अपने विचार रखते हुए सभी अतिथियों का आभार व्यक्त किया कार्यक्रम के दौरान स्कूल ऑफ लॉ एंड कांस्टीट्यूशनल स्टडीज विभाग के सभी शिक्षक विश्वविद्यालय के सभी छात्र एवं शोभित विश्वविद्यालय के फेसबुक पेज एवं यूट्यूब पेज के माध्यम से सैकड़ों लोगों ने वेबीनार में सहभागिता की।