कंकरखेड़ा। प्रेमपूरी स्थित मंदिर महादेव में चल रहे श्रीमदभागवत ज्ञान यज्ञ सप्ताह में कथा के समापन के दिन कथावाचक आचार्य रविशंकर जी महाराज ने बताया कि भागवत कथा स्मरण से परीक्षित का कल्याण हुआ। नाशवान देह को त्यागना ही पड़ता हैं। इस धरा पर कुछ भी स्थाई नहीं हैं। जीवन परमात्मा के आधीन हैं। श्री मद्भागवत से हमे ये प्रेरणा मिलती हैं।
अपने मित्र वासुदेव हरी से मिलने सुदामा द्वारिकापुरी गए। निर्धन होने पर भी सुदामा को श्रीकृष्ण ने गले से लगाया। यही मित्रता की पराकाष्टा हैं। रविवार को मंदिर प्रांगण में सुबह 9 बजे से 11 बजे तक हवन के बाद भंडारा होगा। कथा के मुख्य यजमान मुकेश शर्मा, आयोजक नीरज मित्तल, मुख्य अतिथि दिलीप सिंह (पूर्व आयुक्त ), पंडित संजय त्रिपाठी, कुबेर दत्त शर्मा, केके गुप्ता, मदन गुप्ता, राजेश खन्ना, अशोक चोपड़ा, शान्तनु त्रिपाठी, अंकित गुप्ता, सागर प्रजापति आदि उपस्थित रहे।