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कर्नाटक में चुनाव की तैयारी, क्या यहां भी लागू होगा ‘गुजरात प्लान’? पीएम मोदी ने की बीएस येदियुरप्पा के साथ 15 मिनट मीटिंग

फिलहाल दिल्ली में 2 दिनों के लिए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक चल रही है। आज इस बैठक का दूसरा दिन है। इस बैठक में कई मुद्दों पर चर्चा हो रही है। साथ ही इस साल देश के कई राज्यों में चुनाव होने वाले है, उसकी भी तैयारी के बारे में चर्चा हुई है। इसी में से एक राज्य है कर्नाटक, जहाँ भी इसी साल चुनाव होनेवाले है। ऐसे में इस बैठक के पहले दिन सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कर्नाटक के दिग्गज नेता बीएस येदियुरप्पा के बीच मीटिंग हुई, जिसके बाद से तरह-तरह के कयासों का दौर शुरू हो गया है।

राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक के दौरान दोनों नेताओं की मुलाकात हुई और यह मुलाकात करीब 15 मिनट तक चली। फिलहाल माना जा रहा है कि इस बैठक में कर्नाटक विधानसभा चुनाव पर चर्चा हुई होगी। वहीं, इस साल 9 राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर रणनीति बनाई जा रही है।

क्या कर्नाटक में भी लागू होगा ‘गुजरात प्लान’?

आपको बता दें कि लंबे समय से कर्नाटक में सत्तारूढ़ बीजेपी में भी नेतृत्व परिवर्तन की चर्चा चल रही है और ऐसे में येदियुरप्पा और पीएम मोदी के बीच मुलाकात के कई मायने निकाले जा रहे हैं। इसके साथ ही प्रदेश के सीएम बसवराज बोमई को लेकर भी पार्टी के एक वर्ग में नाराजगी की खबरें आई हैं। येदियुरप्पा को कर्नाटक के मुख्यमंत्री के पद से हटाए जाने के बाद पार्टी के संसदीय दल में शामिल किया गया था।

येदियुरप्पा, जिन्होंने दक्षिण में भाजपा की स्थापना की, माना जाता है कि वहां लिंगायत समुदाय पर उनकी मजबूत पकड़ है। बता दें कि अभी तक कर्नाटक के ये दिग्गज नेता काफी लो प्रोफाइल रहते थे, लेकिन राज्य में चुनाव का समय नजदीक आते ही येदियुरप्पा फिर सक्रिय हो गए हैं। इसके साथ ही पीएम मोदी से मुलाकात के बाद चार बार राज्य के सीएम रह चुके येदियुरप्पा के भविष्य को लेकर भी कयास लगने शुरू हो गए हैं।

हालांकि येदियुरप्पा के बाद सीएम बने बोम्मई के कार्यकाल की भी काफी चर्चा रही है। बता दें कि विपक्षी पार्टियां बोम्मई पर भ्रष्टाचार का आरोप लगा रही हैं और पीईसीएम अभियान भी शुरू कर दिया है। तमाम आरोपों के बावजूद बीजेपी ने कहा है कि राज्य के नेतृत्व में कोई बदलाव नहीं होगा।

इसके साथ ही बीजेपी के मुख्य रणनीतिकार अमित शाह ने कर्नाटक राज्य की कुल 224 सदस्यीय विधानसभा में 136 सीटें जीतने का लक्ष्य रखा है, लेकिन यह इतना आसान नहीं है। कर्नाटक में भाजपा का मुकाबला कांग्रेस से होगा क्योंकि देश की सबसे पुरानी पार्टी के पास भी इस राज्य में कार्यकर्ताओं का मजबूत आधार है।

बता दें कि कर्नाटक में कांग्रेस-एचडी कुमारस्वामी सरकार गिरने के बाद बीजेपी तीसरी बार सत्ता में आई है। और अब राज्य में चुनाव से पहले पीएम मोदी और येदियुरप्पा की मुलाकात ने कई चर्चाओं को जन्म दे दिया है। इसके साथ ही दूसरी ओर कर्नाटक भाजपा प्रमुख नलिन कुमार ने भी भाजपा महासचिव अरुण सिंह से मुलाकात की है। अब इन मीटिंग्स का प्रदेश में क्या असर होगा यह तो आने वाले समय में ही पता चलेगा।

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