नई दिल्ली – बीजेपी की लोकप्रियता अभी किसी उदाहरण की मोहताज नहीं है .. मोदी शाह की जोड़ी अभी जय वीरू की जोड़ी हो रखी है … अब आ गये है उपराष्ट्रपति के चुनाव भी .. बीजेपी किसके साथ जाएगी या किसको अपना उपराष्ट्रपति पद के लिए उम्मीदवार बनाएगी ..भाजपा की अगुवाई वाले एनडीए से 6 अगस्त को होने वाले उपराष्ट्रपति चुनाव में दावेदार कौन बनेगा, इस पर सबकी निगाहें हैं। राष्ट्रपति चुनाव में आदिवासी फैक्टर साधने के बाद भाजपा इस चुनाव में क्षेत्रीय समीकरणों को साधने का दांव चल सकती है।नायडू राष्ट्रीय अध्यक्ष रहते हुए दक्षिण भारत को भाजपा के और करीब लाने में सफल रहे। भाजपा दक्षिण भारत, खासकर आंध्र व तेलंगाना में विस्तार कर रही है, उससे वेंकैया को दोबारा मौका देने से जनता में भावनात्मक संदेश जाएगा। उधर, अल्पसंख्यक मंत्रालय से इस्तीफा देने के बाद नकवी का नाम भी रेस में है। जिस तरह से नूपुर शर्मा केस में विरोधियों ने भाजपा की वैश्विक स्तर पर मुस्लिम विरोधी छवि गढ़ने की कोशिश की है, उससे नकवी पर दांव खेलकर इसका काउंटर किया जा सकता है।देखने में लग रहा है भाजपा के पास हर चीज़ का रामबाण इलाज है .. इससे भाजपा वर्तमान हालातों के आधार पर नकवी के साथ जा सकती है ….