तस्करी की गई शराब की बरामदगी के साथ-साथ तस्करों की गिरफ्तारी के बढ़ते मामलों से संकेत मिलता है कि सूखे राज्य बिहार में शराब को घुसाना एक आकर्षक व्यवसाय बना हुआ है और इसने अधिक खिलाड़ियों को आकर्षित किया है। इसके अलावा, तस्कर, पुलिस से बचने के लिए, बिहार में प्रवेश करने के लिए पारंपरिक चंदौली और बलिया मार्गों के अलावा सोनभद्र के रास्ते भी अपनी खेप को राज्य में घूसाने की कोशिश करते हैं।
ड्रग माफिया के नेटवर्क पर नकेल कसने के लिए राज्य में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर शुरू किए गए एक विशेष अभियान के बाद भी भारी मात्रा में गांजा और अन्य नशीले पदार्थों की बरामदगी हुई है।
एडीजी वाराणसी जोन राम कुमार ने 2022 में की गई शराब व नशीले सामान की बरामदगी का विवरण देते हुए बुधवार को बताया, ”जनवरी से दिसंबर 2022 तक जोन के नौ जिलों में पुलिस ने 2.70 लाख लीटर अवैध शराब जब्त की है।’ 6,476 मामलों में 6,939 तस्करों और शराब विक्रेताओं की गिरफ्तारी के साथ 25.63 करोड़ रुपये की मुख्य रूप से तस्करी की गई।
उन्होंने कहा कि 2022 की तुलना में 2021 में 5,937 मामलों में 6,606 तस्करों और शराब बनाने वालों को गिरफ्तार कर 7.87 करोड़ रुपये की 3.16 लाख शराब जब्त की गई। 2020 में पुलिस ने 4,915 मामलों में 5,518 तस्करों और वेंडरों को गिरफ्तार कर 12.36 करोड़ रुपये की 2.37 लाख शराब जब्त की थी।
मादक पदार्थों के तस्करों और तस्करों के खिलाफ की गई कार्रवाई के बारे में कुमार ने कहा, “2022 में 27.44 करोड़ रुपये के 8.57 क्विंटल गांजा, 1.65 किलोग्राम चरस, 18.02 किलोग्राम हेरोइन, 428.5 लीटर खांसी की दवाई और अन्य नशीले पदार्थों सहित 1,405 को गिरफ्तार किया गया। उन्होंने कहा कि इन आंकड़ों की तुलना में 2021 में 794 मामलों में 901 को गिरफ्तार कर 2021 में 13.69 करोड़ रुपये के मादक पदार्थ जब्त किए गए जबकि 2020 में पुलिस ने 19.60 करोड़ रुपये के मादक पदार्थ जब्त किए और 858 मामलों में 969 को गिरफ्तार किया।
पुलिस रिकार्ड के अनुसार जोन में पुलिस द्वारा जब्त की गई सर्वाधिक शराब हरियाणा से खरीद कर बिहार भेजी जा रही थी। तस्कर चंदौली, बलिया और सोनभद्र के रास्ते सभी संभावित मार्गों से बिहार में प्रवेश करने के लिए यूपी सीमा पार करने की कोशिश करते रहे।
कुमार ने कहा कि सभी जिलों में पुलिस की सतर्कता के कारण तस्करी की गई शराब की बरामदगी न केवल सीमावर्ती जिलों-चंदौली, बलिया और सोनभद्र में की जाती है, बल्कि उस जिले में भी होती है, जहां से होकर शराब लदे ट्रक इन तीन जिलों तक पहुंचते हैं।
गांजा, चरस, हेरोइन और प्रतिबंधित कफ सीरप जैसे नशीले पदार्थों की जब्ती में वृद्धि के बारे में कुमार ने कहा कि मुख्यमंत्री ने सत्ता में आने के बाद स्पष्ट निर्देश जारी किए थे कि नशा माफिया, तस्करों और पेडलर्स के नेटवर्क पर नकेल कसने के लिए विशेष अभियान चलाया जाए जिसके तहत न केवल पेडलर्स लेकिन पूर्वी व दक्षिणी राज्यों से खरीदकर गांजा व अन्य नशीला पदार्थ सप्लाई करने वाले भी पकड़े गए।