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कांग्रेस के नए फॉर्मूला में फंसे दो मंत्री, जिलाध्यक्ष नहीं रह सकेंगे, 4 साल से है जिलाध्यक्ष की पोस्ट पर तो हटना होगा

राजस्थान कांग्रेस ने राजस्थान में जिलाध्यक्षों की नियुक्ति का फॉर्मूला तय कर लिया है। कांग्रेस उदयपुर के चिंतन शिविर संकल्प के तहत जिलाध्यक्षों की नियुक्ति जल्द करने जा रही है। इसमें 8 जिलाध्यक्षों को छोड़कर सभी जिलाध्यक्ष बदले जाएंगे।

ऐसा इसलिए क्योंकि कांग्रेस नए जिलाध्यक्षों की नियुक्ति पर उदयपुर फॉर्मूला लागू करने जा रही है। ऐसे किसी भी नेता को रिपीट नहीं किया जाएगा, जिसे 5 साल या उससे ज्यादा इस पद पर हो चुके हैं।
यहां तक कि जिन नेताओं को 4 साल या उससे ज्यादा भी हो गए हैं। उन्हें भी कांग्रेस रिपीट नहीं करेगी। कांग्रेस का मानना है कि ऐसे नेताओं को भी सालभर बाद पांच साल हो जाएंगे। ऐसे में सालभर बाद फिर बदलना पड़ेगा। इसी को देखते हुए कांग्रेस नए फॉर्मूले के तहत कांग्रेस में जिलाध्यक्ष नियुक्त करेगी।
कांग्रेस की नियुक्ति में पुराने सभी चेहरे बदले जाएंगे। दिसम्बर 2021 में जिन 13 जिलाध्यक्षों को नियुक्त किया था। उनमें से 8 को छोड़कर सभी बदले जाएंगे। लगभग 28 जिलाध्यक्ष निवर्तमान ही वर्किंग कर रहे हैं। इन सभी को भी बदला जाएगा। इनमें जयपुर शहर से मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास, ग्रामीण से राजेंद्र यादव सहित कई विधायक और बोर्ड चेयरमैन भी शामिल हैं।
नियुक्तियां करने की तैयारी में है। लगातार खींचतान और विवाद के बाद अब कांग्रेस जल्द से जल्द संगठनात्मक नियुक्तियां कर माहौल बेहतर करने की तैयारी में है। अबतक ब्लॉक अध्यक्षों की दो सूची कांग्रेस निकाल चुकी है। इनमें 188 ब्लॉक अध्यक्ष नियुक्त किए जा चुके हैं। जल्द ही कांंग्रेस बाकी ब्लॉक अध्यक्षों की सूची निकालने के बाद जिलाध्यक्षों की सूची निकालेगी।
कई जिलों में वर्षों से लगे हुए हैं जिलाध्यक्ष
कांग्रेस में प्रदेशभर में कई जिले ऐसे हैं जो जिलाध्यक्ष के तौर पर 2 टर्म से ज्यादा पूरे कर चुके हैं। कई जिलाध्यक्ष तो 5 वर्षों से ज्यादा तो कई 10 वर्षों से ज्यादा समय तक जिलाध्यक्ष के पद पर बने हुए हैं। 2020 में बगावत के बाद जब कांग्रेस ने पूरी कार्यकारिणी को रद्द कर दिया था। तभी से कई जिलों में निवर्तमान जिलाध्यक्ष ही पद पर काम कर रहे हैं। इसके बाद दिसम्बर 2021 में कांग्रेस ने 13 नए जिलाध्यक्ष नियुक्त किए थे।
कांग्रेस अपनी नियुक्ति में 35 नए जिलाध्यक्ष लगा सकती है। इनमें सिर्फ अलवर, बारां, जैसलमेर, झालावाड़, राजसमंद, सीकर, जोधपुर शहर उत्तर, जोधपुर शहर ग्रामीण के 8 जिलों को छोड़कर बाकी सभी जगह नए चेहरे जिलाध्यक्ष बनेंगे। ऐसा इसलिए क्योंकि इन सभी को 4 से 5 साल से ज्यादा का समय जिलाध्यक्ष के तौर पर हो चुका है। इन 8 जिलों में भी चेहरे बदल सकते हैं, मगर इन्हें अभी 1 साल का समय ही हुआ है ऐसे में इनका बदलना मुश्किल लगता है।
कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा का कहना है कि राजस्थान उदयपुर में लिया गया संकल्प लागू कर रहा है। इसलिए 5 साल से ज्यादा पर कोई एक पद पर नहीं रहेगा। हम 4 साल से ज्यादा वालों से भी इस्तीफे ले रहे हैं ताकि सालभर बाद वापस नहीं बदलना पड़े। जल्द से जल्द जिलाध्यक्षों की नियुक्ति उदयपुर चिंतन शिविर के संकल्प के आधार पर कर दी जाएगी।

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