सूरत शहर अब टेक्सटाइल और डायमंड में अग्रणी होने के साथ साथ अब सोलर पावर के उत्पादन में भी अग्रणी बनता नजर आ रहा है। नगर पालिका का दावा है कि कुल बिजली खपत में सबसे अधिक रिन्यूएबल बिजली का उपयोग करने वाला सूरत देश में पहला है। हाल ही में केंद्र सरकार ने ‘राष्ट्रीय सौर मिशन’ के तहत साल 2021-22 तक देश में कुल 1 लाख मेगावाट के सोलर प्लांट लगाने का लक्ष्य रखा था। फरवरी तक, सूरत में 42,000 से अधिक घरों की छतों पर 205 मेगावाट की क्षमता वाले रूफटॉप सोलर पैनल लगाए जा चुके हैं। जिससे अकेले सूरत शहर में ही सालाना 29 करोड़ यूनिट का उत्पादन हो रहा है।2016-17 के सर्वेक्षण के अनुसार, सूरत में 418 मेगावाट की क्षमता वाला सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित करने का लक्ष्य था। जिसमें 49 प्रतिशत उपलब्धि हासिल कर ली गई है। नगर पालिका ने पहले वर्ष 2012-13 और फिर वर्ष 2016-17 में सर्वेक्षण किया। सोलर रूफटॉप प्लांट लगाने के पीछे की सब्सिडी के साथ ही नगर पालिका ने प्रॉपर्टी टैक्स में भी विशेष राहत दी है, जिससे महज 6 साल में ही शहर के लोगों में उत्साह देखने को मिला है.सूरत शहर के रूफटॉप सोलर पावर प्लांट की स्थापना में देश में 3.16 फीसदी और राज्य में 11.78 फीसदी का महत्वपूर्ण योगदान दर्ज किया गया है। यह उपलब्धि राष्ट्रीय सौर मिशन में भी दर्ज है। मनपा ने कहा कि सूरत शहर सोलर सिटी के निर्माण में अहम योगदान देगा। वर्तमान में सूरत 205 मेगावाट क्षमता के सौर ऊर्जा संयंत्रों के साथ देश के अन्य महानगरों में अग्रणी है।सौर ऊर्जा का अधिकतम उपयोग करने वाले सूरत शहर में अधिक नई पवन ऊर्जा, बायोगैस संयंत्रों के साथ-साथ छत पर सौर संयंत्र स्थापित करने की योजनाएँ चल रही हैं। वित्तीय वर्ष 2022-23 के बजट में सूरत के 108 किमी BRTS रूट पर PPP मॉडल से सबसे बड़े प्लांट लगाने की भी योजना है।
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