मेरठ दर्पण
Breaking News
दिल्ली

नवजोत सिंह सिद्दू को मिली पंजाब की कमान

 

दिल्ली-कांग्रेस की राष्टीय अध्यक्ष सोनिया गांधी ने नवजोत सिंह सिद्धू को तत्काल प्रभाव से पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी का अध्यक्ष नियुक्त किया है. बता दें पिछले काफी समय से राज्य के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के साथ जारी तकरार के बीच कांग्रेस आलाकमान का यह फैसला सामने आया है. जाति समीकरण का संतुलन बनाए रखने के लिए कांग्रेस ने संगत सिंह गिलजियां, सुखविंदर सिंह डैनी, पवन गोयल, कुलजीत सिंह नागरा को पंजाब इकाई का कार्यकारी अध्यक्ष नियुक्त किया है. दलित सिख डैनी, राहुल गांधी की पसंद हैं. वहीं संगत सिंह ओबीसी हैं, गोयल हिंदू हैं और नागरा जाट सिख हैं.

सिद्धू को पार्टी अध्यक्ष बनाए जाने से पहले कांग्रेस की पंजाब इकाई में बैठकों का लंबा दौर चला. इस बीच पार्टी में ही कई विरोधी स्वर भी उठे जिसमें कि सिद्धू को यह जिम्मेदारी न सौंपने की बात की गई. राज्य के 11 विधायकों ने रविवार को मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह के समर्थन में आते हुए उन्हें ‘जनता का सबसे बड़ा नेता’ बताया और पार्टी आलाकमान से उन्हें ‘निराश’ नहीं करने का आग्रह किया.

सिंह के साथ जारी टकराव के बीच सिद्धू ने रविवार को पटियाला, खन्ना और जालंधर में पार्टी के विधायकों से मुलाकात की जहां उनका गर्मजोशी से स्वागत किया गया. सिद्धू ने सबसे पहले घनौर के विधायक मदन लाल जलालपुर से उनके आवास पर मुलाकात की. जलालपुर के आवास पर कैबिनेट मंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा, विधायक बरिंदरमीत सिंह पाहरा और दर्शन बराड़ भी मौजूद रहे. सिद्धू ने शूतराना विधानसभा क्षेत्र से विधायक निर्मल सिंह से भी मुलाकात की. बाद में उन्होंने खन्ना के विधायक गुरकीरत सिंह कोटली और पायल के विधायक लखवीर सिंह लाखा से मुलाकात की.

पिछले काफी समय से बनी हुई है टकराव की स्थिति
2015 में हुई बेअदबी के मामले में न्याय में देरी के चलते पिछले काफी समय से सिद्धू और अमरिंदर सिंह के बीच टकराव की स्थिति बनी हुई है. दोनों ही नेताओं ने हाल ही में चंडीगढ़ और पंजाब में अन्य जगहों पर कई बैठकें की हैं, ताकि पार्टी में सुधार से पहले अंतिम समय की रणनीति तैयार की जा सके.

 

सिद्धू पंजाब में कैप्टन का उत्तराधिकारी बनने का लक्ष्य साध रहे हैं. हालांकि सीएम अमरिंदर ने कई मौकों पर सिद्धू को पार्टी में महत्वपूर्ण पद दिए जाने की संभावना पर अपनी नाराजगी जताई है. उन्होंने पहले भी सोनिया गांधी को एक पत्र लिखा था, जिसमें कहा गया था कि अगर सिद्धू को प्रतिष्ठित पद दिया गया तो पार्टी राज्य में ‘विभाजित’ हो जाएगी.

Related posts

अब शादियों में शामिल हो सकेंगे सिर्फ 50 मेहमान

उत्तराखंड में ग्लेशियर फटने से उत्तर प्रदेश में अलर्ट

मुख्यमंत्री योगी सख्त, इंजीनियर और ठेकेदार पर रासुका लगाने के आदेश

Leave a Comment

Trulli
error: Content is protected !!
Open chat
Need help?
Hello
Welcome to Meerut Darpan News