याकूब भी अग्रिम जमानत लेने की तैयारी में…
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याकूब कुरैशी के खिलाफ गैर-जमानती वारंट की तैयारी, अभी बुल्डोजर नहीं चलाएगा एमडीए…
एसएसपी प्रभाकर चौधरी का कहना है कि पुलिस पूरी तरीके से निष्पक्ष विवेचना कर रही है. कानूनी दायरे में रहकर ही कार्रवाई की जाएगी.
लखनऊ / मेरठ : हाजी याकूब कुरैशी पर मेरठ में प्रशासन का शिकंजा कसता ही रहा है. अल फहीम मीटेक्स प्राइवेट लि. के मैनेजर मोहित त्यागी बना आरोपित. पूर्व मंत्री याकूब कुरैशी की तरफ से वकीलों का पैनल हाईकोर्ट में पहुंचा. पुलिस ने एनबीडब्ल्यू की तैयारी कर ली है.
पूर्व मंत्री हाजी याकूब कुरैशी के खिलाफ स्वास्थ्य विभाग द्वारा बुधवार को बड़ी कार्रवाई की गई. मेरठ में बुधवार सुबह पूर्व मंत्री हाजी याकूब कुरैशी के हापुड़ रोड पर बने माय सिटी हॉस्पिटल पर डिप्टी सीएमओ डॉक्टर जावेद हुसैन एवं डॉक्टर सुधीर कुमार के नेतृत्व में सीलिंग की कार्रवाई की गई. सुरक्षा की दृष्टि से नौचंदी थाने से पुलिस फोर्स को साथ भेजा गया था. डॉक्टर सुधीर कुमार ने बताया कि यह हॉस्पिटल बिना रजिस्ट्रेशन के संचालित किया जा रहा था.
बता दें कि पुलिस ने मौके से मीट बरामद करने के बाद याकूब कुरैशी, उनकी पत्नी शमजिदा और बेटे फिरोज एवं इमरान समेत 18 लोगों को आरोपित बनाया है. याकूब और उसके परिवार की फरारी के बाद पुलिस ने एनबीडब्ल्यू (Non bailable warrant) गैर-जमानती वारंट की तैयारी कर ली है. फरार चल रहे याकूब के परिवार की धरपकड़ को टीमें लगाई गई है.
पुलिस-प्रशासन के खिलाफ कोर्ट पहुंचे याकूब के अधिवक्ता :
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सूत्रों से मिल रही जानकारी के मुताबिक पुलिस और प्रशासनिक कार्रवाई से बचने के लिए याकूब कुरैशी ने अधिवक्ताओं का पैनल बनाया है. बुधवार को अधिवक्ताओं का पैनल हाईकोर्ट के लिए रवाना हो गया है. माना जा रहा है कि पुलिस को हाईकोर्ट से चुनौती देने की तैयारी चल रही है. एसएसपी प्रभाकर चौधरी का कहना है कि पुलिस पूरी तरीके से निष्पक्ष विवेचना कर रही है. कानूनी दायरे में रहकर ही कार्रवाई की जाएगी.
बुलडोजर चलाने में जल्दबाजी नहीं करेगा एमडीए :
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पूर्व मंत्री याकूब कुरैशी के हापुड़ रोड स्थित मीट प्लांट पर मेरठ विकास प्राधिकरण (एमडीए) की ओर से बुलडोजर चलाने के कयास तभी से लगाए जा रहे हैं जब से इस पर कार्रवाई शुरू हुई थी. एमडीए इस मामले में जल्दबाजी नहीं करना चाहता क्योंकि इस प्लांट के शमन मानचित्र संबंधी प्रकरण को लेकर याकूब की ओर से उच्चतम न्यायालय में दाखिल अपील प्रक्रिया में है. एमडीए उपाध्यक्ष की ओर से उच्चतम न्यायालय के अधिवक्ता से कानूनी परामर्श मांगा गया है. इसके लिए फाइलें दिल्ली भेजी गई हैं. यदि अधिवक्ता इस पर आगे बढऩे की सलाह देते हैं तो एक निर्धारित प्रक्रिया के तहत कोर्ट को सूचना दी जाएगी फिर ध्वस्तीकरण की कार्रवाई की तरफ बढ़ा जा सकेगा.
मानचित्र स्वीकृति का प्रकरण लंबित :
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इस प्लांट का मानचित्र स्वीकृति का प्रकरण कई साल से लंबित है. एमडीए की ओर से शमन मानचित्र आवेदन निरस्त किया जा चुका था क्योंकि जिस जमीन पर यह प्लांट बना है उसमें ग्रीन वर्ज, रोड चौड़ीकरण व सार्वजनिक उपयोग की भूमि थी. जिसके बाद शासन व उच्च न्यायालय में अपील हुई थी तक याकूब को यह निर्देश मिला था. ग्रीन वर्ज व रोड चौड़ीकरण की जमीन के निर्माण को तोड़ लें तो मानचित्र स्वीकृति की तरफ बढ़ा जाए. याकूब ने इस हिस्से के निर्माण को तो तोड़ लिया लेकिन पेंच फंस गया सार्वजनिक उपयोग की भूमि का. इसी जमीन का प्रकरण अभी तक हल नहीं हो पाया और एमडीए ने फिर से उनके आवेदन को निरस्त कर दिया. इसके बाद याकूब उच्चतम न्यायालय की शरण में चले गए.
यह शपथ पत्र लिखवाया :
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मगर एमडीए ने याकूब से यह शपथ पत्र लिखवाया कि प्रकरण निस्तारित न होने तक उसमें कोई व्यावसायिक या किसी प्रकार की गतिविधि नहीं करेंगे. हाल ही में इसी शपथ पत्र का उल्लंघन पाया गया था और बड़े स्तर पर चुपचाप मीट प्लांट चलाकर व्यापार चल रहा था. एमडीए उपाध्यक्ष मृदुल चौधरी का कहना है कि जल्द ही कानूनी परामर्श मिल जाएगा जिसके बाद ही कोई कदम उठाया जा सकेगा.
याकूब के पार्टनर की भी घेराबंदी :
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पुलिस की जांच में सामने आया है कि याकूब कुरैशी की फैक्टरी में उसके पार्टनर के नाम से मीट पैकिंग हो रही थी. जोकि मूल रूप से शामली कैराना का निवासी है. पुलिस ने याकूब के पार्टनर की भी घेराबंदी शुरू कर दी.