विश्व जल दिवस के अवसर पर शोभित विश्वविद्यालय मेरठ में एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया । कार्यशाला का मुख्य केंद्र बिंदु नदी के जल का प्रदूषण और भूजल के गिरते स्तर पर लोगों को जागरूक करना था। इस अवसर पर भारत के जल पुरुष राजेंद्र सिंह जी ने वीडियो मैसेज के द्वारा विश्व विद्यालय के कुलाधिपति कुंवर शेखर विजेंद्र जी और कुलपति डॉ अजय राणा को तहे दिल से धन्यवाद दिया,और सभी उपस्थित लोगों को जल संरक्षण के लिए प्रेरित किया । सभा को संबोधित करते हुए मौलाना ए आर शाहीन कासमी (जनरल सेक्रेटरी वर्ल्ड पीस ऑर्गेनाइजेशन न्यू दिल्ली ) ने कुरान के आयत का जिक्र करते हुए जल की महत्ता पर प्रकाश डाला और सदियों से चली आ रही जल संरक्षण तकनीक के बारे में जानकारी दी।
एडवोकेट विक्रांत हिंडौन ने उपस्थित सभी व्यक्तियों को बूंद-बूंद जल संरक्षण के फायदे बताएं और उसके संरक्षण का मुद्दा उपस्थित लोगों के बीच रखा |कृष्ण पाल सिंह संस्थापक और कार्यकारी सचिव (ग्रामीण पर्यावरण और विकास संस्थान) ने भी अपनी बातों को उपस्थित लोगों के बीच रखा और उत्तर प्रदेश के हिंडन नदी प्रदूषण के बारे में अपना विचार प्रकट किया और संरक्षण उपाय को लेकर चर्चा की |
डॉ इंद्राणी खुराना अध्यक्ष (भारतीय हिमालय नदी बेसिन परिषद) ने ऑडियो मैसेज के द्वारा विश्वविद्यालय को जल दिवस कार्यक्रम बनाने का बधाई संदेश भेजा।
गांधीवादी विचारधारा के प्रखर समर्थक रमेश चंद्र जी ने संगोष्ठी में बड़े ही रोचक तरीके से जल के महत्व पर प्रकाश डाला और जल कैसे जीवन का महत्वपूर्ण अंग है कई एक सरल उदाहरणों के द्वारा समझाया।
विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ अजय राणा ने उपस्थित सभी अतिथियों का स्वागत करते हुए उन्हें धन्यवाद दिया और उपस्थित सभी व्यक्तियों और विद्यार्थियों को जल संरक्षण तकनीकी जानकारी भी दी।
मंच संचालन का कार्य विश्वविद्यालय के कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग विभाग के सहायक प्रोफेसर डॉ निशांत कुमार पाठक ने किया।
कार्यक्रम के संयोजक डॉ आरके जैन , डॉ ज्योति ,डॉ निशांत कुमार पाठक ,राजीव कुमार ने कार्यक्रम सफल बनाने में अपना अहम योगदान दिया।
कार्यक्रम समाप्ति के बाद एक रैली का भी आयोजन किया गया जो विश्वविद्यालय परिसर से होते हुए हरिद्वार तक जाएगी और जल संरक्षण नदी संरक्षण जैसे मुद्दे पर लोगों को जागरूक करेगी ।
एक दिवसीय सत्र में विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ गणेश भारद्वाज ,डीन स्टूडेंट अफेयर्स पूनम देवदत्त, ग्रुप कैप्टन मित्रानंद बहुगुणा, डॉ अशोक कुमार, डॉक्टर अभिषेक डबास , अविनव पाठक, विजय महेश्वरी अनिकेत,छात्र गाजि अब्बास और तान्या सिंह ने अपना योगदान दिया ।