बागपत। विपुल जैन
राजपूत विकास समिति बागपत की एक बैठक विजय सिंह फौजी के आवास पर हुई, जिसमें चक्रवर्ती सम्राट मिहिर भोज परिहार जी की जाति को लेकर चल रहे विवाद पर अफसोस जताया गया।
अध्यक्ष विजय सिंह फौजी ने कहा कि सम्राट मिहिर भोज जी का जन्म 816 ईस्वी को राजपूत वंश में रामभद्र के यहां हुआ था। उनकी माता का नाम अप्पा देवी था। दादा का नाम नागभट्ट द्वितीय था। उनकी पत्नी चंद्र भत्तारिका देवी थी। उनके पुत्र का नाम महेंद्र पाल परिहार था, जो उनके बाद सम्राट बने। मिहिर भोज जी ने 49 वर्ष शासन किया। वह शुद्ध रूप से राजपूत राजा थे, इसमें किसी को कोई शक नहीं होना चाहिए। प्रहलाद सिंह सभासद ने कहा कि राजपूत सम्राट मिहिर भोज जी का साम्राज्य मुल्तान से बंगाल तक, कश्मीर से महाराष्ट्र तक था। उन्होंने मल्लेछ अरब मुगल कुशान हुण जैसी आक्रांता से भारत भूमि की हमेशा रक्षा की। महामंत्री मनोज आर्य एडवोकेट ने कहा कि यह सब चुनाव से पहले समाज को तोड़ने की साजिश है, राष्ट्रहित में हमें सभी को समझाना चाहिए। लोगों की भ्रांति दूर करनी चाहिए, ताकि समाज को आपस में विवाद से रोका जा सके। चक्रवर्ती सम्राट मिहिर भोज जी ने समस्त भारत की रक्षा की ना की जाति विशेष की। वह समस्त भारत के सम्राट है। समस्त राजपूतों ने हमेशा भारत की भूमि को अपने खून से सींचा है। इस मौके पर नरेश मानव, राजेंद्र सिंह ठेकेदार, अजय सोम, राकेश कुमार, रमेश कुमार, सुधीर कुमार, इंद्रपाल प्रधान आदि थे।