जम्मू और कश्मीर में वार्षिक अमरनाथ यात्रा इस साल 28 जून से शुरू होगी और परंपरा के अनुसार 22 अगस्त को रक्षा बंधन के दिन समाप्त होगी. अधिकारियों ने यह जानकारी दी. उन्होंने बताया कि शनिवार को राजभवन में उपराज्यपाल मनोज सिन्हा की अध्यक्षता में हुई श्री अमरनाथ श्राइन बोर्ड की 40वीं बैठक में यह फैसला लिया गया. अधिकारियों ने कहा कि 37 राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों में पंजाब नेशनल बैंक, जम्मू-कश्मीर बैंक और यस बैंक की 446 चयनित शाखाओं में एक अप्रैल को पंजीकरण की प्रक्रिया शुरू होगी.
पिछले साल कोरोना वायरस महामारी के चलते कुछ साधुओं ने ही यात्रा की थी, जबकि साल 2019 में जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने से तीन दिन पहले, यानी दो अगस्त को ”आतंकवाद के खतरे” के मद्देनजर यात्रा को बीच में ही रोक दिया गया था.
वर्ष 2019 में 3.42 लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने अमरनाथ गुफा में हिमलिंग के दर्शन किये थे. ANI के मुताबिक जम्मू कश्मीर प्रशासन ने बताया कि श्री अमरनाथ श्राइन बोर्ड ने पुजारियों को मिलने वाले पारिश्रामिक को अब 1500 रुपये कर दिया है. पहले पुजारियों को 1 हजार रुपया प्रतिदिन पारिश्रामिक मिलता था.
प्रशासन का फैसला अगले तीन वर्षों तक प्रभावी रहेगा. प्रशासन के मुताबिक श्रद्धालुओं की सुरक्षा राज्य सरकार के लिए महत्वपूर्ण है.
28 जून को आषाढ़ चतुर्थी के दिन शुरू होने वाली यात्रा 56 दिन तक चलेगी और 22 अगस्त को श्रावण पूर्णिमा यानी रक्षाबंधन के दिन समाप्त होगी.