लखनऊ। कृषि कानूनों के विरोध में जारी किसान आंदोलन के लिहाज से प्रदेश पुलिस मुखिया अलर्ट मोड़ पर हैं ।संवेदनशील उत्तर प्रदेश के 17 जिलों की कमान वरिष्ठ आइपीएस अफसरों के हाथों में सौंपी है। अगले आदेशों तक संबंधित जिलों में कैंप करने के निर्देश के साथ इन अफसरों को आंदोलन के मद्देनजर किसानों और पुलिस प्रशासन के साथ प्रभावी समन्वय और हालात की निगरानी की जिम्मेदारी सौंपी गई है। पुलिस मुख्यालय ने जिलों में आइपीएस अफसरों की तैनाती के बारे में दिशा निर्देश जारी कर दिया है।
संवेदनशील जिलों में भेजे गए अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि वे संबंधित जिलों के पुलिस अधिकारियों के साथ समन्वय रखते हुए धरना-प्रदर्शन या कानून व्यवस्था की स्थितियों पर नजर रखेंगे। कानून व्यवस्था के लिहाज से महत्वपूर्ण इनपुट की जानकारी पुलिस मुख्यालय को भेजेंगे। जोनल एडीजी मेरठ को मेरठ, एडीजी पुलिस अकादमी मुरादाबाद को मुरादाबाद, एडीजी ईओडब्ल्यू अभय कुमार प्रसाद को बुलंदशहर, जोनल एडीजी बरेली अविनाश चंद्रा को बरेली, आइजी लखनऊ रेंज लक्ष्मी सिंह को लखनऊ, आइजी मुरादाबाद रमित शर्मा को अमरोहा, आइजी रेलवे लखनऊ सत्येंद्र कुमार सिंह को शामली, आइजी पुलिस भर्ती बोर्ड विजय भूषण को गाजियाबाद, डीआइजी पीटीसी उन्नाव चंद्र प्रकाश द्वितीय को संभल भेजा गया है।
इसी प्रकार डीआइजी कारागार लखनऊ अखिलेश कुमार मीणा को मुजफ्फरनगर, डीआइजी सहारनपुर रेंज उपेंद्र अग्रवाल को सहारनपुर, डीआइजी एसआइटी लखनऊ जे.रविंदर गौड़ को बिजनौर, डीआइजी पीटीएस मेरठ संजय कुमार को बागपत, डीआइजी पीटीसी सीतापुर दिलीप कुमार को हापुड़, डीआइजी पीएसी मुख्यालय लखनऊ आकाश कुलहरि को रामपुर, डीआइजी बरेली रेंज राजेश पांडेय को पीलीभीत और डीआइजी विशेष जांच लखनऊ शलभ माथुर को शाहजहांपुर में कैंप करने के लिए कहा गया है।