दिल्ली के कांझावाला केस में एक नया मोड़ आया है। 20 वर्षीय अंजलि सिंह की हिट-एंड-रन में मौत हो जाने और उसके शरीर को बाहरी दिल्ली में 10 किमी से अधिक तक घसीटने के हादसे के कुछ दिनों बाद, दिल्ली पुलिस ने मंगलवार को कहा कि दुर्घटना के समय वह अकेली नहीं थी और पिछली सीट पर सवार दोस्त घटना के बाद फरार हो गई।
अंजलि नए साल के दिन जब घर लौट रही थी, एक बलेनो ने उसे टक्कर मार दी, जिसमें पांच युवक सवार थे। टक्कर के बाद वह अंजलि की लाश को लगभग एक घंटे तक बाहरी दिल्ली से रोहिणी तक घसीटते रहे, आरोपी कांझावाला में ही चक्कर लगा रहे थे।
सामने आई ताज़ा जानकारी के अनुसार, मृतक और आरोपी द्वारा लिए गए रास्ते का पता लगाने के दौरान, पुलिस को यह जानने को मिला कि अंजलि उस रात अकेली नहीं थी। वह अपनी एक सहेली के साथ थी। वे अपनी स्कूटी पर एक साथ निकले। घटना के समय सहेली को भी चोटें आई लेकिन वह मौके से फरार हो गई। उसने न तो फोन किया और न ही पुलिस को इसकी सूचना दी। पुलिस उसका पता लगा रही हैं।
अंजलि सिंह का मोबाइल फोन आधी रात तक सक्रिय था और दुर्घटना में नष्ट हो गया। अंजलि की मां रेखा ने आरोप लगाया था कि उनकी बेटी का फोन रात 10 बजे के बाद स्विच ऑफ हो गया, वहीं पुलिस ने कहा कि उन्हें रात 10 बजे के बाद कॉल रिकॉर्ड मिले।
पुलिस ने कहा, “हमारे पास सबूत हैं कि वह आधी रात तक ठीक थी। हम उसकी कॉल डिटेल रिकॉर्ड हासिल करने और उसके दोस्त और उसके स्थान का पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं। दोनों घर आ रही थीं, तभी सुल्तानपुरी इलाके में कार की टक्कर हो गई। अंजलि कार के नीचे आ गई और कार के टायर में फंस गई।’
सीसीटीवी फुटेज में दिख रहा है कि कार उसके नीचे शव के साथ सड़कों पर घूम रही है। एक वीडियो में कार को यू-टर्न लेते हुए भी दिखाया गया है, दुर्घटना के एक घंटे बाद शरीर अभी भी उसके नीचे है। घटना के दो घंटे बाद अंजलि का शव मिला था।
दुर्घटना के दिन, लगभग पांच पीसीआर कॉल किए गए थे लेकिन पुलिस ने कथित तौर पर देरी से जवाब दिया। सोमवार को सुल्तानपुरी थाने के बाहर स्थानीय लोगों ने पुलिस के खिलाफ जमकर विरोध प्रदर्शन किया।
दिल्ली पुलिस ने सभी पांच आरोपियों दीपक खन्ना, अमित खन्ना, मनोज मित्तल, कृष्ण और मिथुन को गिरफ्तार कर लिया, जिन्हें तीन दिन की पुलिस रिमांड पर भेज दिया गया है।