मेरठ- कंकर खेड़ा प्रेम पूरी स्थित मंदिर महादेव में चल रही श्रीमदभागवत कथा में आज कथावाचक आचार्य रविशंकर महाराज ने परीक्षित सुष्म संवाद और सती चरित्र का वर्णन किया.
आचार्य रविशंकर महाराज ने आज भक्तो को बताया की
भागवत भगवान का वांग माय वगृह वाणी रूप सत्य असत्य रूपी महाभारत के अंत होने पर भागवत का प्राकट होता हे. जीवन में जब विषम परिस्थिति में उस कल में संत मिलन सुख दायी होता हे.
सम्पूर्ण जगत परमात्मा के संकल्प का प्रतिफल हे.
राग,दुवेश से युक्त व्यक्ति का कल्याण नहीं होता हे. सती को दक्ष से राग हे दश शिव से देशय रखता हे इसीलिए सती को देह त्यागना पड़ा और दक्ष का भी सर काटा गया.
कथा के मुख्य यजमान दिलीप सिंह (पूर्व आयुक्त ), आयोजक नीरज मित्तल उपाध्यक्ष संयुक्त व्यापार संघ मेरठ, मंदिर महादेव के पुजारी पंडित संजय त्रिपाठी,पार्षद राजेश खन्ना, अंकित गुप्ता, शांतनु त्रिपाठी आदि उपस्थित रहे.