नोएडा। आज दोपहर नोएडा (Noida) के सेक्टर 93-A स्थित ट्विन टावर को ध्वस्त (Twin Towers Demolition) हो गया। भ्रष्टाचार के इस गगनचुंबी इमारत को अधिकारियों और बिल्डर की मिलीभगत से खड़ा किया गया था. आज दोहपर ढाई बजे के करीब विस्फोटकों को फोड़ा गया और देखते-देखते दोनों टावर आसमान की ऊंचाइयों से गिरकर मलबे में तब्दील हो गए. महज कुछ सेकेंड में 700-800 करोड़ रुपये की वैल्यू वाले दोनों टावर ध्वस्त हो गए. सुपरटेक के इन टावरों को निर्माण संबंधी प्रावधानों का पालन नहीं करने के चलते सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर गिराया गया।
ट्विन टावर्स को गिराने में कितना खर्च
सुपरटेक के ट्विन टावर्स को गिराने में करीब 17.55 करोड रुपये का खर्च (Supertech Twin Towers Demolition Cost) आया. इसे गिराने का खर्च भी बिल्डर कंपनी सुपरटेक ने वहन किया है. दोनों ही टावरो में कुल 950 फ्लैट्स बने चुके थे. सुपरटेक ने 200 से 300 करोड़ रुपये की लागत से ट्विन टावर का निर्माण किया था।
आज कितनी है इमारत की वैल्यू ?
रियल एस्टेट के जानकारों की मानें तो, जिस इलाके में ये टावर्स बने थे, वहां प्रॉपर्टी की वैल्यू फिलहाल 10 हजार रुपए प्रति वर्ग फीट है. इस हिसाब से अब जमींदोज हो चुके सुपरटेक के दोनों टावर्स की वैल्यू (Supertech Twin Towers Value) 1000 करोड़ रुपये के पार निकल जाती है. हालांकि कानूनी मुकदमेबाजियों के कारण इन दोनों टावर की वैल्यू पर असर पड़ा और इनकी मौजूदा वैल्यू 700 से 800 करोड़ रुपये थी।
कितने लोगों ने बुक कराए थे फ्लैट्स
ट्विन टावर में 711 ग्राहकों ने फ्लैट बुक कराए थे. इनमें से सुपरटेक ने 652 ग्राहकों का सेटलमेंट कर दिया है. बुकिंग अमाउंट और ब्याज मिलाकर रिफंड का विकल्प आजमाया गया है. मार्केट या बुकिंग वैल्यू+इंटरेस्ट की कीमत के बराबर प्रॉपर्टी दी गई है।
बिल्डर ने प्रॉपर्टी की कीमत कम या ज्यादा होने पर पैसा रिफंड किया या अतिरिक्त रकम ली. जिन लोगों को बदले में सस्ती प्रॉपर्टी दी गई उनमें सभी को अभी तक बाकी रकम नहीं मिली है. ट्विन टावर्स के 59 ग्राहकों को अभी तक नहीं मिला रिफंड नहीं मिला है. रिफंड की आखिरी तारीख 31 मार्च 2022 थी।