आचार्य चाणक्य अर्थशास्त्र, राजनीति के साथ-साथ आयुर्वेद के भी ज्ञाता थे, उन्होंने मनुष्यों को सफल जीवन जीने के लिए विभिन्न तरीके बचाए हैं। आचार्य चाणक्य ने अपनी एक नीति में बताया है कि आखिर किसी भी व्यक्ति को किस तरह से अपने वश में किया जा सकता है। किसी भी व्यक्ति को हिप्नोटाइज करने के लिए बस किसी का स्वभाव जानना जरूरी होता है फिर आसानी से उसे हिप्नोटाइज किया जा सकता है।
लालची मनुष्य
लालची मनुष्य को बिना मेहनत बस पैसे दिख जाएं वह इसके लिए कुछ भी करेगा। इसलिए लालची लोगों को वश में करना बहुत आसान होता है। इन्हें पैसे देकर आसानी से अपने मन मुताबिक काम करवाया जा सकता है, लेकिन अलग अलग व्यक्तियों का लालच अलग अलग हो सकता है। सामान्य शब्दों में इसे जरूरतमंद ढूंढ़ना और उसका फायदा उठाना भी कह सकते हैं।
क्रोधी मनुष्य
गुस्सैल स्वभाव वालों को उनका गुस्सा सहकर अपने वश में किया जा सकता है। ऐसे लोगों को वश में करना आज सबसे आसान है क्योंकि आज कोई भी किसी का गुस्सा नहीं सह सकता। ऐसे में अगर कोई किसी का गुस्सा सहता है तो वास्तव में वह व्यक्ति धीरे-धीरे उस इंसान के वश में आ ही जाता है क्योंकि गुस्सा उसकी कमजोरी है और उसे भी पता है कि हर कोई उसकी कमजोरी समझकर उसे नहीं झेलेगा।
मुर्ख मनुष्य
किसी बेवकूफ को वश में करना हो तो चाणक्य बस उसकी प्रशंसा करने की सलाह देते हैं क्योंकि सही-गलत की पहचान कर सकने की उसमें क्षमता नहीं होती और अपनी प्रशंसा सुननकर वह फूले नहीं समाता। इस प्रकार अपने प्रशंसक के कहे अनुसार वह कार्य जरूर करता है।
बुद्धिमान मनुष्य
चाणक्य नीति के अनुसार बुद्धिमान मनुष्य को हिप्नोटाइज करना सबसे मुश्किल काम है क्योंकि वह चीजों को निरिक्षण कर उसे परख और समझ सकता है। इसलिए बुद्धिमान को हिप्नोटाइज करने का एकमात्र तरीका है उसके सामने सच बोलना। सच बोलकर उसे प्रभावित किया जा सकता है और इसका मान करते हुए वह उसके कहे अनुसार काम कर सकता है।