समय शुरू होता है अपने जन्म से। अक्सर कहा जाता है की समय बहुत कम है। यह कर लो वह कर लो। समय निकाला जा रहा है।
आप सभी को पढ़ कर अपने बचपन की याद आ रही होगी की जा हमारे माता और पिता ऐसा ही बोलते थे। हम सभी को तब ऐसा लगता था की क्या मम्मी पापा हमें खेलने ही भी देना चाहते है। या फिर हमें अपना मन पसंदीदा कार्य ही नहीं करने देता बस जब देखो तब अपनी इच्छा थोपते रहते है।
पर आज जब हम बड़े हो गए तब हम याद आती है उनकी बाते की समय कितना कीमती है। याद आता ही की जब वो बोलते थे की एक बार बिता हुआ समय वापिस नही आता भले ही वह अच्छा हो या बुरा। बस वह निकल जाता है।
आज हम बड़े हो कर गर्व से कहते है की हम अपने माता और पिता की संतान है।
पर अगर यही बातें हम अगर अपने बच्चों को बोले तो क्या वह सुनेंगे? आपको क्या लगता है? मुझे तो नहीं लगता। क्युकी समय बदल चुका है। अब समय बदला है तो हर एक चीज बदल गई है। आज कल के बच्चो की शिक्षा, परवरिश, खेल कूद सभी कुछ बदल चुका है । इस चीज को कहते है परिवर्तन।
दुनिया की हर एक चीज में परिवर्तन आता है। पर इस परिवर्तन को रोजाना लाइफ में लागू करने में भी समय लगता है। अब हर एक इंसान के ऊपर निर्भर करता है की वह परिवर्तन को कितने समय में अपनाता है। क्युकी परिवर्तन तो दुनिया का दस्तूर है।
होने वाली वही चीज है जो पहले हुआ करती थी पर अब एक अलग तरीके से। कहते है की बिता हुआ समय आपकी यादों में है और आने वाला समय आपके हाथों में। अब आने वाले समय को आपको कैसा बनाना है यह आपके ऊपर निर्भर करता है।
बस देखते यह समय अंत तक आ जाता है जिसे पृथ्वी पर मृत्यु कहा गया है।