मेरठ- जिले में आज जगह-जगह बसंत पंचमी की धूम रही। कई स्थानों पर सड़कों पर पीले चावल और खिचड़ी का वितरण किया गया। वहीं दूसरी ओर हिदू महासभा के कार्यालय में सरस्वती की प्रतिमा के समक्ष हवन पूजा अनुष्ठान किया गया। कार्यक्रम का संचालन मुख्य रूप से हिंदू महासभा के प्रदेश प्रवक्ता एवं जिला अध्यक्ष अभिषेक अग्रवाल ने किया। कार्यक्रम में आए सभी अतिथियों का स्वागत महानगर अध्यक्ष भरत राजपूत ने किया। आशोक शर्मा ने बाल हकीकत राय के जीवन पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि पंजाब के सियालकोट में सन् 1719 में जन्में वीर हकीकत राय जन्म से ही कुशाग्र बुद्धि के बालक थे।
यह बालक 4-5 वर्ष की आयु में ही इतिहास तथा संस्कृत आदि विषय का पर्याप्त अध्ययन कर लिया था। 10 वर्ष की आयु में फारसी पढ़ने के लिये मौलवी के पास मस्जिद में भेजा गया। जहां उनका अपमान किया गया। बालक हकीकत उन सब के कुतर्को का प्रतिवाद करता और सभी को वाद-विवाद में पराजित कर देता। एक दिन मौलवी की अनुपस्थिति में कुछ छात्रों ने हकीकत राय को खूब मारा पीटा। बाद में मौलवी के आने पर उन्होंने हकीकत की शिकायत कर दी। यह बाद सुनकर मौलवी बहुत नाराज हुए और हकीकत राय को शहर के काजी के सामने प्रस्तुत किया। बालक के परिजनों के द्वारा लाख सही बात बताने के बाद भी काजी ने एक न सुनी और निर्णय सुनाया कि शरियत के अनुसार इसके लिये मृत्युदण्ड दिया जाए। बालक अपने निश्चय पर अडि़ग रहा और और बंसत पंचमी सन 1734 को उसे फॉंसी दे दी गई। 1947 में भारत के विभाजन से पहले, हिन्दू बसंत पंचमी उत्सव पर लाहौर स्थित उनकी समाधि पर इकट्ठा होते थे।
विभाजन के बाद उनकी एक और समाधि होशियारपुर जिला के “ब्योली के बाबा भंडारी” में स्थित है। यहाँ लोगों बसंत पंचमी के दौरान इकट्ठा हो कर हकीकत राय को श्रद्धाजंलि देते हैं। गुरदासपुर जिले में, हकीकत राय को समर्पित एक मंदिर बटाला में स्थित है। इसी शहर में हकीकत राय की पत्नी सती लक्ष्मी देवी को समर्पित एक समाधि है। आर्य समाज, ने हकीकत राय हिन्दू धर्म के लिए गहरी वफादारी के एक नाटक ‘धर्मवीर’ में प्रस्तुत किया। उन्होंने कहा कि आज हम मां सरस्वती की विशेष पूजा इसलिए कर रहे हैं कि भारत जल्द से जल्द हिंदू राष्ट्र घोषित हो। कार्यक्रम में दीपक शर्मा, ऋषि कुमार, प्रमोद खन्ना सहित सैकड़ों लोग मौजूद थे।