समाचार एजेंसी ANI के अनुसार भारत सरकार के सूत्र ने यह जानकारी दी. वहीं कोरोना वायरस से संक्रमण के मामलों में तेजी से वृद्धि के मद्देनजर 10वीं और 12वीं कक्षाओं की आगामी बोर्ड परीक्षाओं को रद्द किए जाने की मांग तेज होने के बीच केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने मंगलवार को कहा कि उसने इस संबंध में अभी तक कोई फैसला नहीं किया है.
CBSE के अधिकारियों ने ‘अभी तक’ की योजना में किसी भी तरह के बदलाव से इनकार किया और जोर दिया कि परीक्षा केंद्रों में 50 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि कर सामाजिक दूरी सुनिश्चित करने की व्यवस्था की जा रही है. परीक्षाएं चार मई से शुरू होने वाली हैं.
बोर्ड के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि परीक्षाएं रद्द नहीं की जा सकतीं क्योंकि इनकी प्रकृति महत्वपूर्ण हैं और इन्हें ऑनलाइन आयोजित नहीं किया जा सकता. उन्होंने कहा कि बोर्ड कोविड संबंधी दिशानिर्देशों के अनुसार सभी आवश्यक उपाय कर रहा है तथा परीक्षा केंद्रों की संख्या में भी वृद्धि की गई है.
बोर्ड ने इस महीने की शुरुआत में घोषणा की थी कि यदि कोई छात्र या उसके परिवार को कोई सदस्य वायरस से संक्रमित हो जाता है और छात्र प्रायोगिक परीक्षा में शामिल नहीं हो पाता है तो स्कूल उनके लिए उचित समय पर फिर से परीक्षा का आयोजन करेगा. हालांकि CBSE अधिकारी ने इस बारे में कोई टिप्पणी नहीं की कि क्या छात्रों को थ्योरी परीक्षा में भी ऐसी छूट दी जाएगी.