चमोली जिले में ग्लेशियर टूटने से आई तबाही के बाद तपोवन-विष्णुगाड परियोजना की एक सुरंग में फंसे करीब 34 व्यक्तियों को सुरक्षित निकालने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है। पर सुरंग में मलबा अधिक होने के कारण मुश्किलें पेश आ रही हैं, सुरंग के अंदर एक वाहन भी फंसा है। ऐसे में टनल के मुख्य द्वार से मलबा हटाने में देरी होने के बाद अब बीच से रास्ता ढूंढने की कोशिश की जा रही है।
एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, आइटीबीपी और सेना वहां बचाव व राहत कार्य संचालित कर रहे हैं। वहीं, 206 लापता लोगों में से 32 के शव अब तक बरामद हो चुके है, जबकि टीम को सात मानव अंग भी मिले है। इधर, मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत भी लगातार प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर रहे हैं और हालातों का जायजा ले रहे हैं।
#UttarakhandDisaster: चमोली में 7 फरवरी की सुबह ग्लेशियर टूटने से मची तबाही के बाद तपोवन-विष्णुगाड परियोजना की एक सुरंग में फंसे 34 लोगों को सुरक्षित निकालने का प्रयास जारी है।मंगलवार को तीसरे दिन भी युद्ध स्तर पर रेस्क्यू आपरेशन चल रहा है। टनल में जाती @ITBP_official व SDRF टीम। pic.twitter.com/nNWgZ3271m
— Amit Singh (@Join_AmitSingh) February 9, 2021
- आइटीबीपी, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और अन्य एजेंसियों की संयुक्त टीम ने सुरंग में प्रवेश किया है। इस दौरान ड्रोन कैमरे की मदद से सुरंग के अंदर आगे के रास्ते के लिए मदद ली जा रही है।
- उत्तराखंड के चमोली जिले में सात फरवरी को ग्लेशियर टूटने से आई भारी बाढ़ के कारण रैणी गांव के मकान क्षतिग्रस्त हो गए हैं। एक स्थानीय का कहना है, बाढ़ से पूरा गांव तबाह हो गया है। कम से कम 3 ग्रामीण लापता हैं।
- मेजर जनरल राहुल आर सिंह ने बताया कि विनाश की प्रारंभिक सूचना मिलने के बाद सुरक्षा बलों ने जानकारी को तेजी से लोगों तक पहुंचाया। ताकि न्यूनतम नुकसान को सुनिश्चित किया जा सके। ऋषिगंगा बिजली परियोजना तबाह हो गई और तपोवन के पास सुरंग को सबसे अधिक नुकसान हुआ है। 20 से 30 लोग सुरंग के अंदर फंसे होने की आशंका है।
- आइटीबीपी, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और अन्य एजेंसियों की एक संयुक्त टीम ने बचाव अभियान चलाकर ड्रोन कैमरे का इस्तेमाल किया। जिससे तपोवन सुरंग के अंदर साफ की गई जगह से बाहर से प्रवेश करने की संभावना देखी गई। वे अभी तक सफल नहीं हुए हैं।
- मंगलवार को जिला प्रशासन ने नीति वैली में फंसे 126 लोगों को हेलीकॉप्टर से रेस्कयू कर उनके गंतव्य तक पहुंचाया।
सात फरवरी को भारत-तिब्बत सीमा पुलिस द्वारा बचाए गए सभी 12 व्यक्तियों को आज छुट्टी दे दी गई है- आइटीबीपी
एनडीआरएफ के जवानों को लेकर एमआइ-17 देहरादून से जोशीमठ के लिए रवाना हो गया है। - आइटीबीपी, सेना, एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की एक संयुक्त टीम ने तपोवन सुरंग में प्रवेश किया। यहां वे सुरंग के अंदर जल स्तर की जांच करेंगे।
- मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत चमोली में ग्लेशियर आपदा के कारण प्रभावित क्षेत्रों की स्थिति का जायजा ले रहे हैं।
सात फरवरी को सुरंग से निकाले गए 12 लोगों से सीएम त्रिवेंद्र रावत ने अस्पताल में मुलाकात की। सीएम ने बताया कि उन्होंने शरीर में दर्द की शिकायत की है, क्योंकि वे पानी और मलबे के डर से 3-4 घंटे के लिए लोहे की पट्टी पर लटके हुए थे। डॉक्टरों ने कहा कि वे जल्द ठीक हो जाएंगे। - भारत-तिब्बत सीमा पुलिस के जवानों ने 7 फरवरी को चमोली में सुरंग में फंसे लोगों को बचाया। सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने चमोली के जोशीमठ में आइटीबीपी अस्पताल का दौरा कर घायलों का हालचाल जाना।
- सुरंग में बचाव अभियान चल रहा है, हमें उम्मीद है कि हम दोपहर तक रास्ता साफ कर पाएंगे- अशोक कुमार, डीजीपी
रेस्क्यू ऑपरेशन पूरी रात चला और अब भी जारी है। काफी मलबे को हटा दिया गया है। हम अब तक कोई संपर्क स्थापित नहीं कर पाए हैं- अपर्णा कुमार, डीआइजी सेक्टर मुख्यालय, आइटीबीपी देहरादून
टनल में पहुंचने को की जा रही ड्रिलिंग
टनल के मुख्य द्वार से मलबा हटाने में देरी होने के बाद अब बीच से रास्ता ढूंढने की कोशिश की जा रही है। पहले एसडीआरएफ या एनडीआरएफ का जवान टनल में उतारा जाएगा, जो अंदर की स्थिति का जायजा लेंगे। इसके लिए ड्रिलिंग की जा रही है। पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार ने बताया कि करीब ढाई किलोमीटर लंबी टनल में अब तक डेढ़ सौ मीटर तक ही मलबा साफ हो पाया है। टनल में एक ही मशीन काम करने के कारण मुश्किलें सामने आ रही हैं, जबकि 180 मीटर पर एक राइट बैंड भी है। डीजीपी ने बताया कि अब तक 31 शव बरामद हो चुके हैं, इनमें दो पुलिस कर्मचारी भी शामिल हैं। उन्होंने बताया कि आपदा के कारण 13 गांव का संपर्क कट गया है, जहां रोप-वे के सहारे सुरक्षाकर्मी और बाहर फंसे ग्रामीणों को राशन भी पहुंचाया जाएगा।