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अब तीन दिन के लॉकडाउन में क्या होंगे सरकार के नियम कायदे ?

 

लखनऊ- उत्तर प्रदेश में तेजी से बढ़ते कोरोना के मामले नित नए रिकॉर्ड बना रहे हैं। प्रदेश में इन दिनों तीन लाख 41 एक्टिव केस हैं। इन्हें देखते हुए यूपी सरकार रोज कोई न कोई नया कदम उठा रही है।

पहले इससे निपटने के लिए कई जिलों में धारा 144 लगाई गई, फिर जब इससे भी बात न बनी तो सूबे के 10 सबसे प्रभावित शहरों में रात्रि कर्फ्यू लगाया गया और फिर उसका समय बढ़ाया गया। लेकिन रिकॉर्ड तोड़ते संक्रमण के नए मामलों को देखते हुए अब सरकार ने पूरे प्रदेश में तीन दिन कर्फ्यू लगाने का निर्णय लिया है।

सरकार ने बताया है कि इस दौरान पूर्ण रूप से बंदी रहेगी लेकिन जरूरी चीजों की दुकानें व जरूरी सेवाएं जारी रहेंगी।

  • शुक्रवार शाम से मंगलवार सुबह तक सिर्फ जरूरी सेवाएं जैसे मेडिकल, किराना आदि छोड़कर सभी दुकानें व सेवाएं स्थगित रहेंगी।
  • पहली बार मास्क न लगाने पर एक हजार रुपये जुर्माना और दूसरी बार भी यही गलती की तो 10 हजार रुपये का जुर्माना देना होगा।
  • आवश्यक सेवाओं से जुड़े लोगों को जारी किए जाएंगे पास।
  • मॉल, जिम, स्पा और ऑडिटोरियम रहेंगे बंद।
  • रेस्त्रां खुले रहेंगे, लेकिन केवल होम डिलीवरी की अनुमति।
  • दूसरे राज्यों से आने जाने पर रोक नहीं।
  • यूपी में इशादी समारोह में आयोजन के दौरान सिर्फ 50 लोगों को शामिल होने की अनुमति।
  • साप्ताहिक बंदी के अलावा पहले से चल रहा रात्रि कर्फ्यू भी यूपी में जारी रहेगा।
  • 10 जिलों में शाम को 7.00 बजे से सुबह 8.00 बजे तक नाइट कर्फ्यू लगाया गया है। इनमें लखनऊ, प्रयागराज, वाराणसी, कानपुर नगर, गौतम बुद्ध नगर, गाजियाबाद, मेरठ और गोरखपुर शामिल हैं।
    15 मई तक सभी स्कूल बंद रहेंगे, बोर्ड परीक्षाएं भी रद्द।
  • इस दौरान सभी जिलों में अग्निशमन विभाग स्वच्छता व सफाई का विशेष अभियान चलाकर सैनिटाइजेशन व फॉगिंग का कार्य किया जाएगा। इस दौरान केवल आवश्यक वस्तुओं के लिए छूट होगी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने टीम-11 के साथ वर्चुअल बैठक में यह फैसला लिया।

मास्क न पहनने वालों पर भी कड़ी कार्रवाई होगी। शत प्रतिशत लोगों को मास्क पहनना और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कराना सुनिश्चित करना होगा। मुख्य सचिव गृह अवनीश अवस्थी ने इस संबंध में निर्देश जारी कर दिए हैं। इसमें किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

स्थानीय स्तर पर थानेदारों की जिम्मेदारी होगी कि वे इसका पालन कराएं। ऐसा न होने पर संबंधित थानेदार के खिलाफ कार्रवाई भी की जाएगी। सभी पुलिस अधिकारी और प्रशासनिक अफसर खुद चेकिंग अभियान चलाएंगे।

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