लखनऊ- उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने तय किया है कि निजी अस्पतालों में रेमडेसिविर इंजेक्शन अब जरूरतमंदों को नि:शुल्क दिया जाए। निजी अस्पताल इस दवा की व्यवस्था कम्पनियों और बाजार से खुद करेंगे। दवा उपलब्ध नहीं होने और किसी मरीज की जीवन रक्षा के लिए अत्यन्त आवश्यक होने पर निजी अस्पताल द्वारा जारी किए गए पर्चे के आधार पर जिलाधिकारी और मुख्य चिकित्साधिकारी संबंधित मरीज के लिए सीमित संख्या में इसे नि:शुल्क उपलब्ध करा सकते हैं। इसके लिए स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग की ओर से आदेश जारी कर दिए गए हैं।
मुख्यमंत्री ने सोमवार को टीम-11 की बैठक में रेमडेसिविर इंजेक्शन को लेकर कई अहम आदेश दिए हैं। उन्होंने कहा है कि रेमडेसिविर जैसी किसी भी जीवन रक्षक दवा का प्रदेश में अभाव नहीं है। जरूरत होगी तो निजी अस्पतालों को भी तय दरों पर रेमडेसिविर मुहैया कराई जाए। इसके साथ-साथ इसकी कालाबाजारी पर पुलिस लगातार नजर रखे। उन्होंने कहा, रेमडेसिविर उपलब्ध कराने से पहले परीक्षण जरूर करें, मरीजों के जीवन की हर कीमत पर रक्षा करना सरकार की प्राथमिकता है। सरकारी अस्पतालों, राजकीय और प्राइवेट चिकित्सा महाविद्यालयों में इस दवा की आपूर्ति उत्तर प्रदेश मेडिकल सप्लाइज कार्पोरेशन लिमिटेड की ओर से की जाएगी।
वेंटीलेटर और ऑक्सजीन बेड पर रेमडेसिविर देने के निर्देश
राजकीय और निजी चिकित्सा महाविद्यालयों के अस्पतालों के नान इन्वेजिव वेन्टिलेटर के शत-प्रतिशत बेड के लिए रेमडेसिविर की एक वायल प्रतिदिन दी जाएगी। 15 प्रतिशत ऑक्सीजन बेड के लिए रेमडेसिविर दी जाएगी। मौजूदा स्थिति में यह संख्या करीब 5500 रोजाना है। इसके वितरण का मेडिकल कालेजवार विवरण महानिदेशक, चिकित्सा शिक्षा एवं प्रशिक्षण द्वारा उत्तर प्रदेश मेडिकल सप्लाइज कार्पोरेशन लिमिटेड को उपलब्ध कराया जाएगा।
मेडिकल कॉलेज भी खरीद सकते हैं रेमडेसिविर इंजेक्शन
सरकार के निर्देश पर मेडिकल कॉलेज अपने संसाधनों से भी रेमडेसिविर खरीद सकेंगे। चिकित्सा विभाग के एल-2 कोविड-19 चिकित्सालयों के लिए रेमडेसिविर की वायल रोज दी जाएंगी। यह संख्या चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के पास से उपलब्ध 2000 नॉन इन्वेंसिव आईसीयू एवं आईसोलेशन बेड के आधार पर निर्धारित की जा रही है।
इमरजेंसी के लिए दी जाएगी 18 सौ वायल रेमडिसिविर
प्रदेश में सभी जिलों में इमरजेंसी के लिए रेमडेसिविर की 1800 वायल दी जाएंगी। आकस्मिकता और आवश्यकता के आधार पर सरकारी अस्पतालों में कमी होने पर या किसी निजी चिकित्सालय में भर्ती मरीज की जीवन रक्षा के लिए तय दरों पर सीधे मरीज के परिजन को डॉक्टर के पर्चे पर रेमडेसिविर दिया जा सकेगा।