देहरादून :- उत्तराखंड में जारी सियासी उठापटक के बीच सीएम त्रिवेन्द सिंह रावत को दिल्ली तलब किया गया है, अब उनका सियासी भविष्य क्या होगा यह दिल्ली बीजेपी का आलाकमान तय करेगा, उत्तराखंड के विधायकों में काफी असंतोष है और वह परिवर्तन की बात कर रहे है.
दिल्ली से भाजपा ने इस सियासी संकट को दूर करने के लिए उत्तराखंड में दो केंद्रीय पर्यवेक्षक भेजे हैं. राज्य के सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत, केंद्रीय पर्यवेक्षकों और दूसरे बड़े नेताओं के साथ बैठक की, और उसके बाद से ही यह कयास लगाए जाने लगे कि सीएम को बदला जा सकता है,इस बीच आज सुबह खबर आई कि त्रिवेन्द सिंह रावत को दिल्ली तलब कर लिया गया है, अब त्रिवेन्द सिंह का क्या होगा यह दिल्ली से ही तय होना है कि उनकी कुर्सी रहेगी या जाएगी
उत्तराखंड के 4 मंत्री व 10 विधायक दिल्ली में मौजूद है मंत्री अरविंद पांडेय, सतपाल महाराज सुबोध उनियाल दिल्ली में मौजूद पूर्व सांसद बलराज पासी, विधायक खजान दास, हरबंस कपूर, हरबजन सिंह चीमा आदि मौजूद है जबकि आज से संसद सत्र की वजह से मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक, सांसद अजय भट्ट, अजय टम्टा व अन्य सांसद पहले से ही दिल्ली में मौजूद हैं, उत्तराखंड के लिए भेजे गए ऑब्जर्वरों ने भाजपा आलाकमान को अपनी रिपोर्ट सौंपी दी जिस पर भाजपा निर्णय करेगी, उधर मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने अपना गैरसैंण दौरा बीच में ही छोड़कर दिल्ली रवाना हो गए है.
अब तक क्या रहा पूरा घटनाक्रम:-
दरअसल, सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने 5 मार्च को अपना बजट गैरसैंण में पेश किया. इस पर सदन में चर्चा होनी बाकी थी, लेकिन बीच में ही सीएम को बदलने की चर्चा तेज़ हो गई, इस चर्चा को तब और बल मिल गया जब अचानक बिना किसी तय कार्यक्रम के प्रदेश प्रभारी दुष्यंत कुमार के साथ बीजेपी के वरिष्ठ नेता रमन सिंह को पर्यवेक्षक बनाकरउत्तराखंड भेज दिया गया।रमन सिंह और दुष्यंत कुमार के देहरादून पहुँचने के बाद बजट सत्र को बीच में ही स्थगित कर दिया गया, और साथ ही सभी विधायकों को गैरसैंण से देहरादून लाने का सिलसिला शुरू हुआ।