मेरठ- मोदीपुरम स्थित शोभित इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी डीम्ड यूनिवर्सिटी, मेरठ में आज दिंनाक 26 फरवरी 2021 को तीन दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय सम्म्मेलन “ग्लोबल अप्प्रोचेस इन नेचुरल रिसोर्स मैनेजमेंट फॉर क्लाइमेट स्मार्ट एग्रीकल्चर (GNRSA-2020) ड्यूरिंग पेन्डामिक एरा ऑफ़ COVID-19”, आयोजित किया गया । इस अंतर्राष्ट्रीय सम्म्मेलन का आजोयन संयुक्त रूप से शोभित डीम्ड यूनिवर्सिटी, मेरठ, एग्रीकल्चरल टेक्नोलॉजी डेवलपमेंट सोसाइटी , गाज़ियाबाद, ऐन जी टी , जम्मू एवं अस्स वी पी एस एस, प्रयागराज , उत्तरप्रदेश , इंडिया द्वारा किया गया। अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन का उद्देश्य बदलते परिदृश्य में कृषि के सतत विकास लिए और जैव विविधता के संरक्षण लिए, भविष्य की रणनीतियों के कार्यान्वयन के लिए, अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी हासिल करने एवं अनुसंधान संचार के क्षेत्र में चर्चा और सहभागिता के लिए मंच प्रदान करना है । इस कार्यक्रम का शुभारम्भ माँ सरस्वती की आराधना एवं डीप प्रज्वलन के द्वारा किया गया।
इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि शोभित विश्विद्यालय के कुलाधिपति कुंवर शेखर विजेंद्र रहे। कार्यक्रम में प्रो0 ऐन के तनेजा, कुलपति, सी सी एस यूनिवर्सिटी, मेरठ, प्रो0 अमर पी गर्ग, कुलपति, शोभित, यूनिवर्सिटी मेरठ; प्रो0 आर के मित्तल, कुलपति, सरदार वल्लभ भाई पटेल एग्रीकल्चर , यूनिवर्सिटी, की उपस्थिति ने मंच की शोभा बढाई।
कुंवर शेखर विजेन्द्र, कुलाधिपति, शोभित डीम्ड यूनिवर्सिटी, मेरठ, ने सभा को सम्बोधित करते हुए कहा कि एग्रीकल्चर को प्रमोट करने के लिए सभी शिक्षा एवं शोध संस्थानों को एक जुट होकर कार्य करने की आवश्यकता हैं। शिक्षक संस्थानों के अथक प्रयासों से ही इस बदलते परिदृश्य में कृषि का सतत विकास हो सकता हैं। कार्यक्रम के दौरान अनुभवी एवं प्रख्यात शोधकर्ताओं ने अपने विचार व्यक्त किये एवं विभिन्न क्षेत्रो में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए शोधकर्ताओं को समानित्त किया गया।
डॉ एस एस पंवार , डायरेक्टर, आईं सी ऐ आर- IIFSR मेरठ; डॉ मनोज कुमार डायरेक्टर आई सी ऐ आर-CPRI , मेरठ; आर बी प्रसाद, कोकोनट डेवलपमेंट बोर्ड, पटना; डॉ मनोज नाजिर, साइंटिस्ट एंड ओर्गनइजिंग चेयरमैन ने अपने द्वारा कृषि के क्षेत्रो में किये गए अथक प्रयासों के बारे में बताते हुए भविष्य की योजनाओ पर विचार व्यक्त किये।
कुलपति प्रो0 ए पी गर्ग, ने खेती को दोगुना करने की रणनीतियों पर चर्चा की। उन्होंने किसानों के उन तीन विधेयको, फार्मर्स प्रड्यूस ट्रेड एंड कॉमर्स एक्ट 2020, फार्मर्स अग्रीमेंट ऑन प्राइस अशोरेंस एंड फार्म्स सर्विस एक्ट 2020, अससेंशल कमोडिटीज एक्ट 2020, के विषय में सबको अवगत कराया।
डॉ एन के तनेजा, वाईस चांसलर, सी सी एस यूनिवर्सिटी मेरठ, ने बताया कि पर्यावरण की समस्यायों एवम खेती से जुड़े तीन नियमो के साथ ही स्मार्ट एग्रीकल्चर को लागू करने के लिए ज़ोर दिया और जिस से की एग्रीकल्चर सेक्टर को बढ़ावा मिल सके।
प्रो0 आर के मित्तल, कुलपति, सरदार वल्लभ भाई पटेल, यूनिवर्सिटी, मेरठ, ने बताया कि भारत के भौगोलिक नुकसान के विषय में चर्चा करते हुए उसके समाधान हेतु एग्रो-एकलोगिकल सिस्टम को अपनाने पर ज़ोर दिया, साथ ही उन्होंने पी एम कृषि योजना पर भी प्रकाश डाला।
मंच का संचालन डॉ पूनम देवदत्त और डॉ रश्मि निगम के द्वारा किया गया।इस कार्यक्रम को आयोजित करने में प्रोफ राजीव दत्ता डीन बायोलॉजिकल; डॉ अल्पना जोशी; डॉ संदीप; डॉ सौरभ त्यागी; डॉ माया दत्त जोशी; डॉ गणेश शोभित विश्वविद्यालय; डॉ जोगिन्दर; डॉ रश्मि; डॉ अश्वनी; शिवा शर्मा, बीना रावत, डॉ अनंत कुमार ATDS गाज़ियाबाद का सराहनीय सहयोग रहा।
कार्यक्रम के द्वितीय चरण में टेक्निकल सेशन का आयोजन ऑनलाइन एवम ऑफलाइन मोड पर किया गया। ऑफलाइन मोड के चेयरपर्सन डॉ आर बी प्रसाद एवम को-चेयरपर्सन डॉ रामजीलाल रहे। और ऑनलाइन मोड में चेयरपर्सन प्रो0 संजय स्वामी रहे।
सम्मेलन के प्रथम दिन का समापन विश्विद्यालय के छात्रों के द्वारा पोस्टर और मॉडल प्रेजेंटेशन के साथ साथ विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमो के साथ किया गया।