दिल्ली। डीजल-पेट्रोल और रसोई गैसों के दामों में हुई बढ़ोत्तरी के बाद अब आम आदमी की जेब में एक और बोझ पड़ने जा रहा है। दरअसल रेलवे ने कम दूरी की यात्रा के लिए टिकट का किराया बढ़ा दिया है। इसके पीछे रेलवे ने तर्क दिया है कि, इस बढ़ोत्तरी को कोरोना वायरस के मद्देनजर किया गया है, ताकि ट्रेनों में ज्यादा लोग न चढ़ें। बता दें इसका असर 30-40 किलोमीटर तक की यात्रा करने वाले यात्रियों पर विशेषतौर पर पड़ेगा।
रेलवे के मुताबिक़ इस बढ़े हुए किराए का असर केवल 3 प्रतिशत ट्रेनों पर ही पड़ेगा। रेलवे ने कहा कि, कोरोना का प्रकोप अभी भी जारी है, कुछ राज्यों में स्थिति बिगड़ रही है। ऐसे में इसे कोरोना के प्रकोप से बचाव के रूप में देखा जाना चाहिए, जिससे ट्रेनों पर भीड़ को कम किया जा सके और बिना काम के लोग यात्रा न करें। रेलवे के अनुसार, पहले ही यात्रियों की प्रत्येक यात्रा पर काफी बोझ उठाना पड़ता है, इसमें काफी सब्सिडी देनी पड़ती है।
आपको बताते चलें कि, पिछले वर्ष कोरोना के चलते रेलवे को ट्रेनों का संचालन बंद करना पड़ा था। अब जब कोरोना का असर कम हो रहा है और देश में वैक्सीन इजात कर ली गई है तो रेलवे ने फिर से एक एक कर ट्रेनों का संचालन शुरू किया है। ऐसे में अब रेलवे ने 30-40 किलोमीटर की यात्रा करने वाले यात्रियों को अब अधिक पैसे खर्च करने पड़ेंगे। यानी अब इन्हें मेल-एक्सप्रेस गाड़ियों के बराबर ही किराया चुकाना पड़ेगा।
आपको बता दें कि, रेलवे ने पैसेंजर और कम दूरी की अन्य ट्रेनों का किराया बढ़ा दिया है। रेलवे की तरफ से लोकल और पैसेंजर ट्रेन के किराए में लगभग 200 फीसदी तक की बढ़ोतरी की गई है। बढ़े किराए पर रेलवे ने बयान जारी कर कहा कि, यात्री और कम दूरी की अन्य ट्रेनों के किराए में यह मामूली बढ़ोतरी लोगों को अनावश्यक यात्राएं करने से रोकने के लिए की गई है।
रेलवे के अनुसार, किराए में मामूली वृद्धि को ट्रेनों में भीड़ होने से और कोरोना को फैलने से रोकने के रेलवे के प्रयास के रूप में देखा जाना चाहिए। बताते चलें कि, पहले लोकल ट्रेन में 45 किलोमीटर तक सफर करने का किराया 10 रुपए लगता था। लेकिन अब इसे बढ़ा कर 30 रुपए कर दिया गया है। वहीं 45 से 65 किलोमीटर के लिए पहले 15 रुपए का टिकट मिलता था, जो अब 30 से 35 रुपए तक का हो गया है।