लखनऊ। महाराष्ट्र, केरल व मध्य प्रदेश सहित पांच राज्यों में दोबारा कोरोना संक्रमण तेजी से फैलने के बाद यूपी भी अलर्ट हो गया है। यहां दोबारा कोरोना संक्रमण बढ़ने से रोकने के लिए फिर से सख्ती होगी। स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव अमित मोहन प्रसाद ने कोरोना को लेकर ढिलाई बिल्कुल भी न बरतने की हिदायत दी है।
अपर मुख्य सचिव ने कहा कि जैसे मार्च 2020 में संक्रमण फैलने पर बचाव के उपाय और सख्ती की जा रही थी, वैसे ही कठोर कदम फिर से उठाए जाएं। दूसरे राज्यों से आ रहे लोगों को 14 दिन क्वारंटाइन करने के नियम का सख्ती से पालन कराया जाएगा। मोहल्ला व ग्राम निगरानी कमेटियों को फिर से अलर्ट कर दिया गया है। वह बाहर से आने वालों की रिपोर्ट स्वास्थ्य विभाग को देंगे। स्वास्थ्य विभाग पहले ही प्रदेश में प्रतिदिन कोरोना संक्रमित मिल रहे मरीजों में से 10 फीसद के सैंपल जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए भेजने का फैसला कर चुका है। नए स्ट्रेन का पता लगाने के लिए सैंपल राजधानी स्थित किंग जार्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (केजीएमयू) भेजे जाएंगे। केजीएमयू की माइक्रोबॉयोलॉजी लैब इसके लिए तैयारी कर चुकी है। वहीं जरूरत पड़ने पर इंस्टीट्यूट ऑफ जीनोमिक्स एंड इंटीग्रेटिव बॉयोलॉजी (आइजीआइबी) को जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए सैंपल भेजे जाएंगे। मास्क लगाने के लिए लोगों को जागरूक करने के साथ सख्ती भी बरती जाएगी।
टेस्टिंग और कांटेक्ट ट्रेसिंग पर फोकस: स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव अमित मोहन प्रसाद ने बताया कि टेस्टिंग व कांटेक्ट ट्रेसिंग पर लगातार जोर दिया जा रहा है और अधिकतम 1.3 लाख टेस्ट रोज किए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि जरूरत पड़ने पर इसे बढ़ाया जाएगा। प्रदेश में अब तक तीन करोड़ लोगों का कोरोना टेस्ट और 15.3 करोड़ लोगों की स्क्रीनिंग की जा चुकी है।
अस्पताल भी हुए सतर्क, लेवल वन होंगे शुरू: कोरोना संक्रमण के लगातार घटने के कारण प्रदेश में लेवल वन के अस्पताल बंद कर दिए गए थे। अब लेवल टू व लेवल थ्री के अस्पतालों में ही करीब 18 हजार बेड हैं। पहले सितंबर 2020 में सर्वाधिक 68,235 केस होने पर लेवल वन से लेकर लेवल थ्री तक के अस्पतालों में 1.5 लाख बेड की व्यवस्था की गई थी। हलांकि एक्टिव केस अब केवल 2190 हैं, लेकिन फिर भी जरूरत के अनुसार कोरोना के कम गंभीर मरीजों के लिए सीमित दायरे में लेवल वन की सुविधा शुरू होगी।