3500 करोड़ के बाइक बोट घोटाले के सरगना बीएन तिवारी पर 50 हजार रुपया का इनाम भी घोषित था.
बाइक बैंक घोटाले के आरोपी 50 हजार के इनामी बीएन तिवारी को गोमती नगर से गिरफ्तार किया गया. बीएन तिवारी के खिलाफ नोएडा में बाइक बोट घोटाले में दो दर्जन से अधिक एफआईआर में से दो में आरोप पत्र भी दाखिल है.
लखनऊ : उत्तर प्रदेश एसटीएफ की टीम के साथ आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) ने काफी चर्चा में चल रहे 3500 करोड़ के बाइक बोट घोटाले के मास्टरमाइंड हिंदी न्यूज चैनल के मालिक बीएन तिवारी को लखनऊ से गुरुवार को गिरफ्तार किया है. बीएन तिवारी लाइव टुडे न्यूज चैनल का मालिक भी है. बीएन तिवारी पर प्रदेश के इस बड़े घोटाले में करोड़ों की हेराफेरी का आरोप है. तिवारी को गिरफ्तार करने के बाद अब नोएडा में पेश किया जाएगा.
उत्तर प्रदेश एसटीएफ की टीम उससे पूछताछ कर रही है. लंबे समय से फरार चल रहे बीएन तिवारी को यूपी एसटीएफ ने आज दबोच लिया. अब उसे नोएडा के दादरी थाने में पेश किया जाएगा.
उत्तर प्रदेश एसटीएफ ने 3500 करोड़ रुपया के बाइक बोट घोटाले में सबसे बड़ी गिरफ्तारी की है. इस बड़े घोटाले में अब तक एक दर्जन से अधिक लोगों को गिरफ्तार करने वाली पुलिस ने भारी व्यवधानों के बाद भी आखिरकार बीएन तिवारी को गिरफ्तार किया है. 3500 करोड़ के बाइक बोट घोटाले के सरगना बीएन तिवारी पर 50 हजार रुपया का इनाम भी घोषित किया गया था. इस बड़े घोटाले की जांच उत्तर प्रदेश पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा कर रही है. इससे पहले नोएडा के चर्चित बाइक बोट घोटाले को लेकर ED ने बीते शनिवार को बीएन तिवारी और उनके बेटे कुश तिवारी के लखनऊ में कई ठिकानों पर छापेमारी की थी. ईडी की टीम ने गोमतीनगर और पारा क्षेत्र में छापेमारी की. बोट बाइक घोटाले को लेकर ईडी ने निजी चैनल के मालिक के घर पर छापेमारी की तो वहीं ईडी की दूसरी टीम चैनल के दफ्तर पर भी पहुंची थी. नोएडा बाइक बोट घोटाले में बीएन तिवारी के साथ बसपा नेता रहे संजय भाटी को भी मास्टरमाइंड माना जा रहा है.
आपको बता दें कि बाइक बोट घोटाला नोएडा का सबसे बड़ा घोटाला है, जिसके शिकार हुए लोगों की संख्या आठ लाख से भी अधिक आंकी जा रही है. इस घोटाले को 42 हजार करोड़ से अधिक का आंका जाता है. इस मामले की जांच भी अनेक एजेंसियों द्वारा की जा रही है. नोएडा क्राइम ब्रांच भी इस मामले से जुड़े 12 मुकदमों की जांच कर रही है.
बाइक बोट घोटाले में आरोपियों की संख्या भले ही 100 के पार पहुंच गई हो लेकिन जांच एजेंसियों द्वारा अभी तक सिर्फ 23 आरोपियों को ही गिरफ्तार किया जा सका है. फरवरी 2020 से इस प्रकरण की जांच में जुटी ईओडब्ल्यू ने सबसे अधिक 11 आरोपियों की गिरफ्तारी की है. जांच एजेंसियों को अब संजय भाटी की पत्नी दीप्ती बहल और बिजेंद्र हुड्डा, लोकेंद्र और भूदेव की सबसे अधिक तलाश है, जिन्हें घोटाले की सबसे अहम कड़ी माना जा रहा है।
इस घोटाले में दर्ज होने वाले मुकदमों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। वरिष्ठ अधिकारियों की मानें तो करीब 11 राज्यों में बाइक बोट घोटाले को लेकर अभी तक मुकदमे दर्ज हो चुके हैं और इनकी संख्या 700 से अधिक है. इनमें नामजद आरोपियों की संख्या भी अब 100 के पार पहुंच चुकी हैं. लेकिन अभी तक एक चौथाई आरोपियों की गिरफ्तारियां भी जांच एजेंसी नहीं कर सकी हैं.
बीएन तिवारी के लखनऊ स्थित घर की हुई थी कुर्की :
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बी एन तिवारी जो कि बाइक बोट घोटाले का मुख्य आरोपी था. इसकी तलाश में पुलिस को काफी समय से थी. लेकिन पुलिस के हाथ यह शातिर नहीं लग रहा था. इसी कड़ी में बीते दिनों राजधानी लखनऊ में EOW की तरफ से बीएन तिवारी के आवास की कुर्की भी की गई थी. जिससे कि बीएन तिवारी पर शिकंजा कसा जा सके. लेकिन उसके बाद भी आर्थिक अपराध अनुसंधान शाखा (EOW) के हाथ खाली थे.
तिवारी अब तक कैसे बचा रहा इसकी जांच की जा रही है.
आर्थिक अपराध शाखा (EOW) के एक अधिकारी ने बताया कि आरोपियों पर 25 हजार रुपए का इनाम था, जो अब बढ़ाकर 50 हजार कर दिया है. ये सभी गर्वित इनोवेटिव प्रमोटर्स लिमिटेड के डायरेक्टर हैं. इनमें मेरठ के कंकरखेड़ा निवासी संजय भाटी की पत्नी दीप्ति बहल, भाई सचिन भाटी निवासी लोनी गाजियाबाद समेत किरनपाल निवासी डिफेंस कॉलोनी गंगानगर मेरठ, रेखा रानी व उसके पति रविंद्र कुमार निवासी जालंधर, ललित निवासी मैदीपुर मवाना मेरठ और भूदेव निवासी बहलीमपुरा बुलंदशहर शामिल हैं.
ये हो चुके हैं गिरफ्तार :
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बाइक बोट कंपनी का मालिक संजय भाटी, संजय गोयल, विजयपाल कसाना, विनोद कुमार, विशाल कुमार, हरीश कुमार, राजेश यादव, राजेश भारद्वाज, विनोद, पुष्पेंद्र, सुनील, आदेश भाटी और सुनील कुमार फिलहाल जेल में हैं.