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प्रदेश में अंतिम पायदान पर खडे व्यक्ति तक योजनाओं का लाभ पहुंचाने का कार्य किया जा रहा है- श्रम मंत्री

मुख्यमंत्री ने लिया श्रमिको के बच्चो की बेहतर षिक्षा के लिए प्रत्येक मंडल स्तर पर एक अटल आवासीय विद्यालय खोलने का निर्णय- श्रम मंत्री

01 फरवरी से लागू होगी तीन नयी योजनाएं, सरकार किसानों, गरीबो व श्रमिको के कल्याण के लिए कर रही कार्य- अध्यक्ष श्रम कल्याण परिषद पं0 सुनील भराला

मेरठ – चो0 चरण सिंह विष्वविद्यालय के सुभाष चन्द्र बोस प्रेक्षागृह में मिषन शक्ति के अंतर्गत जन जागरूकता एवं उ0प्र0 भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत निर्माण श्रमिको को हित लाभ वितरण कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि, मंत्री श्रम, सेवायोजन एवं समन्वय विभाग उ0प्र0 स्वामी प्रसाद मौर्य ने मां सरस्वती की प्रतिमा के सम्मुख दीप प्रज्जवलन कर किया। इस अवसर पर मेरठ व बागपत के 6863 लाभार्थियो को रू0 11 करोड 51 लाख 66 हजार 410 की धनराशि का हितलाभ वितरण किया गया। 20 महिला श्रमिको को स्वीकृति पत्र व 100 बालिकाओं को साईकिल भी वितरित की गयी।
मिषन शक्ति के अंतर्गत महिला निर्माण श्रमिको को हितलाभ एवं स्वीकृति पत्र वितरण एवं जन जागरूकता कार्यक्रम में मुख्य अतिथि श्रम मंत्री उ0प्र0 स्वामी प्रसाद मौर्य जी ने कहा कि प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री सबका साथ, सबका विकास, सबका विष्वास व सबका सम्मान पर कार्य कर रहे है तथा अंतिम पायदान पर खडे व्यक्ति तक योजनाओं का लाभ पहुंचाने का कार्य किया जा रहा है।

 


उन्होने कहा कि श्रमिको तक योजनाओं का लाभ पहुंच रहा है। उन्होने बताया कि श्रमिको के पंजीयन व नवीनीकरण की फीस को रू0 50 से घटाकर रू0 20 कर दिया गया है। उन्होने बताया कि अक्टूबर 2020 से मार्च 2021 तक प्रदेश में निर्माण श्रमिको का निःषुल्क पंजीयन व नवीनीकरण कराने का कार्य चल रहा है। उन्होने कहा कि वह स्वयं लेबर अडडो व चैराहो पर गये तथा वहां पर कैंप लगवाकर श्रमिको का पंजीयन कराया साथ ही अधिकारियों को निर्देषित किया कि वह जिला मुख्यालय, ब्लाॅक व तहसील मुख्यालय, भटटो, निर्माण स्थल पर जाकर श्रमिको का पंजीयन कराये।
उन्होने कहा कि पहले पंजीयन के लिए निर्माण श्रमिको को ठेकेदार का प्रमाण पत्र लेना पडता था लेकिन अब यह व्यवस्था बदल दी गयी है अब निर्माण श्रमिक स्वयं लिखकर देगा कि वह निर्माण श्रमिक है तो भी उसका पंजीयन होगा। उन्होने कहा कि पंजीयन की आनलाईन व्यवस्था भी करायी गयी है। कोई भी निर्माण श्रमिक अपने नजदीकी जनसुविधा केन्द्र पर जाकर अपना पंजीयन करा सकते है। उन्होने कहा कि श्रमिक जनसुविधा केन्द्र पर दी गयी धनराषि की रसीद अवष्य प्राप्त करे रसीद के आधार पर दी गयी धनराशि को वापस कराने की व्यवस्था भी सरकार ने की।
उन्होने बताया कि उ0प्र0 भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड का गठन 2009 में हुआ था। 2009 से 2017 तक मात्र 34 लाख ही पंजीयन हो पाये। 2017 से 2021 तक वर्तमान सरकार के कार्यकाल में पंजीकृत श्रमिको के संख्या बढकर 75 लाख तक हो गयी है। उन्होने बताया कि वर्तमान सरकार के कार्यकाल समाप्ति वर्ष 2022 तक 1 करोड श्रमिको को पंजीयन कराने का लक्ष्य है। उन्होने कहा कि श्रमिको के बच्चो को भी पढने लिखने का अवसर देना सरकार का ध्येय है श्रमिको के हितार्थ करीब 17 योजनाएं संचालित है। उन्होने बताया कि सरकार ने दलाल और बिचोलियां प्रथा को खत्म किया है। अब धनराषि सीधे मजदूर के बैंक खाते में जाती है।
उन्होने कहा कि प्रसव काल में महिला श्रमिक को तीन महीने के बराबर की मजदूरी व रू0 01 हजार दिये जाते है तथा यदि उसका पति पंजीकृत श्रमिक है तो उसे रू0 06 हजार की धनराशि दी जाती है। उन्होने कहा कि श्रमिक के घर बेटी पैदा होने पर दी जाने वाली राषि को रू0 15 हजार से बढाकर रू0 25 हजार कर दिया गया है तथा बेटा पैदा होने पर दी जाने वाली राषि रू0 12 हजार को बढाकर रू0 20 हजार कर दिया गया है यह योजना दो बच्चो/दो प्रसवो में पैदा हुये बच्चो तक अनुमन्य है। अगर पहली बेटी दिव्यांग पैदा होती है तो सावधि जमा मिलेगां।
उन्होने बताया कि श्रमिक के बच्चो के आईटीआई में अध्ययन करते समय रू0 03 हजार प्रतिमाह, इंजीनियरिंग में रू0 05 हजार प्रतिमाह, मेडिकल व पीएचडी करने पर रू0 10 हजार प्रतिमाह इसी प्रकार 08 से 12 तक भी अलग-अलग धनराषि प्रतिमाह देने का प्रावधान है। उन्होने कहा कि आप मजदूर बने यह आपके वश में नहीं था लेकिन आपके बेटा व बेटी मजदूर न बने यह आपके वश में है। उन्होने कहा कि सरकार आपके साथ है तथा आप अपने बेटा व बेटी को षिक्षित कर योग्य व सक्षम बनाये ताकि उन्हें बडा होकर मजदूरी न करनी पडे।
उन्होने कहा कि मुख्यमंत्री ने श्रमिको के बच्चो की बेहतर शिक्षा के लिए प्रत्येक मंडल स्तर पर एक अटल आवासीय विद्यालय खोलने का निर्णय लिया है। इस प्रकार प्रदेश के 18 मंडलो में 01-01 विद्यालय खुलेगा जिसके लिए प्रत्येक विद्यालय 12 से 15 एकड की भूमि पर बनेगा। इसमें 01 हजार बच्चो के रहने, खाने पीने, पढाई, पुस्तक, यूनिफार्म, खेलकूद, हास्टल आदि की सभी व्यवस्था निःशुल्क होगी। उन्होने कहा कि सभी जगह जमीन मिल चुकी है लोक निर्माण विभाग को कार्यदायी संस्था बनाया गया है। निविदा प्रक्रिया प्रारंभ है।
उन्होने कहा कि पंजीकृत श्रमिक को बेटी की शादी घर पर करने पर रू0 55 हजार की आर्थिक सहायता दी जाती है। उन्होंने बताया कि श्रमिक पुत्री सामूहिक विवाह योजनान्तर्गत प्रत्येक दंपत्ति पर रू0 75 हजार का व्यय सरकार करती है। उन्होने बताया कि जिसमें से रू0 05-05 हजार वर-वधू के कपडो के लिए दिये जाते है।
उन्होने बताया कि गंभीर बीमारियों में भी पंजीकृत श्रमिको को हितलाभ दिये जाने की व्यवस्था है तथा उनका अंग-भंग होने पर भी उनको हितलाभ दिये जाने की व्यवस्था है। उन्होने कहा कि जिस श्रमिक के पास अपना पक्का कमरा नहीं है उसको आवास बनाने के लिए प्रधानमंत्री आवास योजना के बराबर धनराशि दिये जाने की व्यवस्था सरकार ने की है। उन्होने बताया कि पंजीकृत श्रमिको के कक्षा 09, 10 व 11 में पढने वाले बेटा-बेटियों को साईकिल देने की व्यवस्था भी सरकार ने की है।
उन्होने कहा कि प्रधानमंत्री का लक्ष्य आत्मनिर्भर भारत बनाना है इसके लिए समाज का हर एक व्यक्ति समाज की मुख्य धारा से जुडे इसके युद्ध स्तर पर प्रयास किये जा रहे है। उन्होने कहा कि भारत को पुनः सोेने की चिडिया बनाने के प्रयास प्रधानमंत्री के नेतृत्व में किये जा रहे है। उन्होने बताया कि कोरोना काल खंड में 20 लाख निर्माण श्रमिको को रू0 01 हजार की आर्थिक सहायता प्रदान की गयी 18 लाख दिहाडी मजदूरो व 40 लाख प्रवासी मजदूरो को भी सहायता प्रदान की गयी।
उन्होने बताया कि प्रधानमंत्री जनधन योजनान्तर्गत देश में करीब 20 करोड महिला खाताधारको को कोरोना काल खंड में आर्थिक सहायता दी गयी। इन 20 करोड रू0 में से रू0 03 करोड उ0प्र0 में है। उन्होने कहा कि कोरोना काल खंड में भारत ने उत्कृष्ट व प्रषंसनीय कार्य भी किया तथा कोरोना वैक्सीन भी ईजाद की। उन्होने कहा कि श्रमिक निर्माण करके राष्ट्र का निर्माण करता है। उन्होने कहा कि श्रमिक राष्ट्र का निर्माण करता है वह राष्ट्र निर्माता व भाग्य विधाता भी है।
उ0प्र0 भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड के अध्यक्ष सुनील भराला ने कहा कि श्रमिको के हितार्थ अनेको योजनाएं संचालित की गयी है जिसका सीधा लाभ श्रमिको व उनके परिवारो तक पहुंच रहा है। उन्होने बताया कि अभी 03 नयी योजनाएं 01 फरवरी 2021 से लागू होने जा रही है जिसमें चेतन चैहान खेल प्रोत्साहन कल्याण योजना जिसमें रू0 01 लाख की प्रोत्साहन राषि है, दूसरी योजना महादेवी पुस्तक क्रय वितरण है तथा तीसरी श्रमिको व उनके परिवारो को धार्मिक यात्रा कराने के लिए धार्मिक एवं पर्यटन योजना है जिसमें श्रमिक के प्रत्येक सदस्य को रू0 02 हजार दिये जाने का प्रावधान है। उन्होने कहा कि सरकार किसानों, गरीबो व श्रमिको के कल्याण के लिए कार्य कर रही हैं। उन्होने कहा कि प्रधानमंत्री जी व मुख्यमंत्री जी का मिषन गरीबी उन्मूलन, आमजन व श्रमिक का कल्याण है।
इस अवसर पर सांसद राजेन्द्र अग्रवाल, विधायक सोमेन्द्र तोमर,विधायक सत्यवीर त्यागी ने विचार व्यक्त करते हुये सरकार द्वारा किये जा रहे कार्यों की प्रषंसा की तथा आमजन को अधिक से अधिक संख्या में योजनाओं का लाभ लेने के लिए कहा।
इस अवसर पर 20 महिला निर्माण श्रमिको को स्वीकृति पत्र व पंजीकृत श्रमिको की बेटियों को सौ साईकिलो का वितरण श्रम मंत्री, सांसद, विधायकगण आदि ने किया।
उप श्रमायुक्त दीप्तिमान भट्ट ने बताया कि आज के कार्यक्रम में जनपद मेरठ के श्रमिको को हितलाभ दिया गया जिसमें मृत्यु, विकलांगता एवं अक्षमता पेंषन योजना में 240 श्रमिको को रू0 05 करोड 14 लाख, अन्त्येष्टि सहायता योजना में 239 श्रमिको को रू0 59 लाख 45 हजार, पुत्री विवाह सहायता योजना में 554 श्रमिको द्वारा किये गये 584 आवेदनों में रू0 03 करोड 21 लाख 20 हजार, चिकित्सा सहायता योजना में 4927 श्रमिको को रू0 01 करोड 44 लाख 60 हजार, मातृत्व षिषु बालिका मदद योजना में 239 श्रमिको को रू0 75 लाख 94 हजार 525 व षिक्षा सहायता योजना में 102 श्रमिको को रू0 05 लाख 64 हजार 324 का हितलाभ दिया गया तथा जनपद बागपत के श्रमिको को भी हितलाभ दिया गया जिसमें मातृत्व शिशु बालिका मदद योजना में 47 श्रमिको को रू0 16 लाख 39 हजार 561 व चिकित्सा सहायता योजना में 485 श्रमिको को रू0 14 लाख 43 हजार का हितलाभ दिया गया। इस प्रकार कार्यक्रम में 6863 पंजीकृत श्रमिको को रू0 11 करोड 51 लाख 66 हजार 410 का हितलाभ दिया गया।
इस अवसर पर सांसद राजेन्द्र अग्रवाल,विधायक सोमेन्द्र तोमर, विधायक सत्यवीर त्यागी, एमएलसी डा0 सरोजिनी अग्रवाल, सीडीओ ईशा दुहन, उप श्रमायुक्त दीप्तिमान भट्ट, सहायक श्रमायुक्त घनष्याम सिंह, सुमित कुमार सहित अन्य जनप्रतिनिधि, अधिकारी व बडी संख्या में श्रमिक व उनके परिवारजन उपस्थित रहे।

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