मेरठ। कृषि कानून को लेकर सरकार और किसान प्रतिनिधिमंडलों के बीच आठवें दौर की वार्ता भी बेनतीजा रही। इसी के साथ अब किसानों के संगठनों ने नई रणनीति पर विचार करना शुरू कर दिया है। किसान संगठनों की ये रणनीति पहले से घोषित है। जिसके तहत अब किसानों ने 26 जनवरी पर परेड की तैयारी तेज कर दी है। इसके तहत पहले 15 जनवरी तक सभी जिलों में परेड का रिहर्सल होगा। 20 जनवरी को प्रदेश सहित अलग-अलग जगह से किसान नोएडा के लिए कूच करेंगे।
भारतीय किसान यूनियन (भानु) के प्रदेशाध्यक्ष योगेश प्रताप सिंह ने पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं से कहा कि अब दिल्ली में प्रधानमंत्री से ही वार्ता की जाएगी। तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने के बजाय सरकार बार-बार तारीख पर तारीख दे रही है। इससे आंदोलनरत किसानों आक्रोश बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि कृषि कानूनों को वापस लेने के लिए देशभर का किसान सड़कों पर हैं। लेकिन सरकार एक कदम पीछे हटने को तैयार नहीं है। किसानों की मांगें जायज हैं और सरकार को अपने कदम पीछे हटाने होंगे।
यदि 26 जनवरी से पहले किसानों की मांगों पूरी नहीं हुईं तो चिल्ला बार्डर से किसान ट्रैक्टरों से परेड ग्राउंड के लिए हुंकार भरेंगे। उन्होंने कहा कि किसानों को इस तरह के कदम को उठाने के लिए सरकार मजबूर कर रही है। यदि सरकार उनकी बातों को मान लें तो किसान तुरंत अपने घर चला जाएगा।खेत में रहने वाले किसानों को सरकार ने सड़क पर आने को मजबूर कर दिया है। केंद्र सरकार अब राज्यों के सिर आंदोलन को मढ़ना चाहती है कि वह चाहे तो एमएसपी लागू करे या न करें। लेकिन किसान इसे पूरी तरह मनवाकर रहेंगे।