मेरठ। जिले में बने नकली नोट दिल्ली समेत पूरे एनसीआर में सप्लाई किए जा रहे थे। गाजियाबाद, दिल्ली, नोएडा, बुलंदशहर और हापुड इत्यादी में नकली नोट चलाए जा रहे थे। पुलिस ने इस संबंध में दो महिला समेत दो युवकों को गिरफ्तार किया है। जबकि गिरोह के सरगना सहित तीन लोग फरार हैं। पुलिस ने आज इस मामले में पत्रकारों को जानकारी देते हुए बताया कि थाना गंगानगर क्षेत्र के एक मकान में रहने वाली महिला को पहले पूछताछ के लिए गिरफ्तार किया था। उसी की निशानदेही पर पूरे मामले का खुलासा हुआ है। पुलिस ने करीब 5.50 लाख की नकली करेंसी बरामद की है। इसके साथ ही 1:50 लाख की अर्धनिर्मित करेंसी बरामद हुई है। बरामद करेंसी में 2000,500,200 और सौ के नोट शामिल हैं। पुलिस को इन लोगों के पास से अच्छी क्वालिटी का बांड पेपर और अन्य उपकरण भी बरामद हुए हैं।
माल्स,परचून की दुकान और बस में चलाते थे नकली करेंसी :-
पुलिस को पूछताछ में महिलाओं और युवकों ने बताया कि वे नकली करेंसी को दूसरे जिलों में भी चलाने का काम करते थे। इसके लिए वे नकली नोट लेकर बस में बैठ जाते थे और फिर बस के कंडेक्टर को नकली नोट देते थे। जल्दी-जल्दी टिकट काटने के चक्कर में नकली नोट पकड़ में नहीं आता था। वहीं इसके अलावा रेस्टोरेट और परचून की दुकान में भी नकली नोट चलाने का काम करते थे। वहां भी कोई नोट पर ज्यादा ध्यान नहीं देता था। पकड़े गए युवकों ने बताया कि अधिकांश छोटे और बड़े महानगरों में इन नोटो को चलाया जाता था। जिससे कि कोई जल्दी इनको पकड़ नहीं पाता था।
गिरोह में शामिल महिलाएं ही नकली नोटों को बाजार में चलाने का काम करती थी। महिलाओं पर लोग शक नहीं करते इसलिए महिलाओं को ही नोट चलाने की जिम्मेदारी सौंपी जाती थी।
इस गिरोह की महिलाएं नकली नोट चलाने के लिए कभी गाजियाबाद तो कभी दिल्ली या हापुड जाती थी। वहां पर जाकर वे अलग-अलग हो जाती थी और भीड़भाड़ वाली दुकानों में कम रुपये का समान खरीदकर आसानी से दो हजार या फिर पांच सौं के नोटों को छुटटा करवा लेती थीं।