मेरठ-राष्ट्रीय मानव एकता संस्था के तत्वधान में पीपी कॉन्फ्रेंस हॉल मेरठ में भारत की प्रथम महिला शिक्षिका ,समाज सुधारिका,एवं मराठी कवियत्री माता सावित्रीबाई ज्योतिबा फुले जी के जन्मोत्सव को हर्षोल्लास के साथ मनाया गया।
इसी अवसर पर वैश्विक महामारी 2020 में सर्व समाज की रक्षा करने वाले मुख्य रूप से हमारे सफाई कर्मचारी ,हमारे चिकित्सा कर्मचारी ,हमारे पुलिस कर्मचारियों के द्वारा समूचे मानव समाज के लिए दिए गए अतुलनीय योगदान को ध्यान में रखते हुए इन महत्वपूर्ण अधिकारी कर्मचारी गणों को
माता सावित्री बाई फुले सम्मान पत्र देकर सम्मानित किया गया
कार्यक्रम की अध्यक्षता केंद्रीय अध्यक्ष आरके बोध ने की
मंच संचालन संस्था के मंडल अध्यक्ष एडवोकेट राजीव पवार ने किया। मुख्य वक्ता के रूप में संस्था के सर संस्थापक सुनील जैनवॉल रहे,और उन्होंने अपने वक्तव्य में कहा की । माता सावित्रीबाई फुले जी 1831 से लेकर 18 97 में तक ऐसी संकीर्ण मानसिकता के साथ लड़ी जो समाज में असमानता को बढ़ावा देती थी जो मातृशक्ति को अनपढ़ निरीक्षर बनाए रखना चाहती थी। और उन्हें उनके हक अधिकारों से वंचित रखना चाहती थी
माता सावित्रीबाई फुले के एवं बहुत से संत महापुरुषों के तथा बाबा साहब डॉक्टर भीमराव अंबेडकर के अथक प्रयासों द्वारा मातृशक्ति को बराबर का अधिकार मिला। आज उन्हीं की देन है हमारे देश की बहन बेटियां शिक्षा ग्रहण करके प्रधान से प्रधानमंत्री तक बन सकी हैं और आईएएस पीसीएस इंजीनियर डॉक्टर बन सकती है
माता सावित्री बाई फुले जी ने अपने पूरे जीवन को समस्त महिलाओं तथा बालिकाओं को शिक्षित एवं जागरूक करने के लिए लगा दिया । हमारे भारत की समस्त महिलाओ के लिए माता सावित्री बाई फुले जी एक प्रेरणा एवं उदाहरण है जिनका अनुसरण प्रत्येक महिला को करना चाहिए।
अंत में संस्थापक ने रोष प्रकट करते हुए कहा कि आज हम वैश्विक महामारी के जिन तीन महानायको को सम्मान दे रहे हैं उनमें हमारे चिकित्सकों की आर्थिक माली हालत ठीक है और वह अपना जीवन खुशहाली से विता लेते हैं ।ठीक उसी प्रकार हमारे पुलिसकर्मी सरकारी सुख सुविधाओं सहित अच्छा जीवन यापन करते हैं ।परंतु दुर्भाग्य हमारे सर्व समाज को मुख्य रूप से सुरक्षा प्रदान करने वाला हमारा सफाई कर्मचारी सरकार की वह सर्व समाज की अनदेखीयों का शिकार हो रहा है I इन्हें ना ही तो सरकार की तरफ से और ना ही समाज की तरफ से किसी भी तरह का सहयोग मिलता है I जो बहुत ही गलत है
आज हमारा सफाई कर्मचारी
ना ही तो अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा दिला पा रहा है I
ना ही अपने परिवार का भरण पोषण ठीक प्रकार से कर पा रहा है I कहीं पर पीटा जाता है I
तो कहीं पर खुद प्रशासनिक अधिकारी प्रताड़ित करता है I
ना ही तो इन्हें परमानेंट किया जाता है I और ना ही इन्हें सम्मानित नाम स्वच्छ सैनिक करके पुकारा जाता है I जो समाज के व देश के लिए बहुत ही शर्म की बात है l
हम सरकार से मांग करते हैं
सभी सरकारी तंत्रों में संविधानिक हिसाब से सरकारी कार्यालय से सफाई कर्मचारियों को ठेका मुक्त किया जाए
और इन कर्मचारियों को पूर्ण वेतन पूर्ण सम्मान प्राप्त कराया जाए तभी माना जा सकता है कि हमारे राज्य की वह देश की सरकार वह हमारा सभ्य समाज अपने इन मुख्य कर्मचारियों की खुशहाली के लिए इनका भला चाहता है
अन्यथा माना जाएगा की गरीब सफाई कर्मचारियों के पैर धोने वाले प्रधानमंत्री भारत सरकार द्वारा केवल सफाई कर्मचारी को यूज़ किया जाता है।
यदि इन कर्मचारियों के साथ इंसाफ नहीं हुआ I
तो समझा जाएगा की देश स्वतंत्र होने के बाद भी सफाई कर्मचारियों को बंधुआ मजदूर बनाए रखने की ठेका जैसी
कु व्यवस्था को जानबूझकर मजबूत किया जा रहा है
यदि सभी कर्मचारियों के साथ समान न्याय नहीं होगा तो
राष्ट्रीय मानव एकता संस्था आगे चलकर इन लोगों के हक अधिकार दिलाने के लिए सड़क से लेकर संसद तक न्यायिक रूप से लड़ाई लड़ेगी।
कार्यक्रम में मुख्य रूप से केंद्रीय महासचिव प्रमोद नागवंशी,केंद्रीय मीडिया प्रभारी प्रवेश रोहतगी,कोषाध्यक्ष नीरज टॉक, उपाध्यक्ष मोहन वीर सिंह,
प्रदेश अध्यक्ष सतपाल सिंह काजीपुर ,महिला प्रकोष्ठ अध्यक्ष
कुमारी शालिनी सिंह आदि मौजूद रहे।