मेरठ- मोदीपुरम स्थित शोभित विश्वविद्यालय के स्कूल ऑफ लॉ एंड कांस्टीट्यूशनल स्टडीज के तत्वावधान में आज 17 दिसंबर को नवागंतुक एल. एल. एम (दो वर्षीय) विद्यार्धियों के लिए “ऑनलाइन इंडक्शन प्रोग्राम” एवं संगोष्ठी का आयोजन किया। जिसका विषय “लीगल रिसर्च एंड लर्निंग पारादिग्म इन इंडिया: रोल ऑफ लॉ स्कूल्स” था।
कार्यक्रम का शुभारंभ माँ सरस्वती वंदना से हुआ।
विधि विभाग के एसोसिएट डीन डॉ. एम इमरान ने स्वागत भाषण दिया एवं सभी मेहमानो का स्वागत किया।
इसके बाद विधि विभाग की डीन प्रोफेसर डॉ रश्मी खुराना नागपाल
ने विषय प्रवेश करते हुए सभी नवागंतुक एल. एल. एम विद्यार्धियों को विधि में शोध की आवश्यकता पर संक्षिप्त एवं विश्लेषणात्मक बात राखी। उन्होंने इस बात पर भी प्रकाश डाला कि विधि विभाग अंतिम सेमेस्टर में “शैक्षिक इंटर्नशिप” का मौका देगा, जिससे छात्र/ छात्रों को आगे चल कर शैक्षणिक क्षेत्र में रोजगार प्राप्त करने में सहायक होगी।
इसके बाद विधि एवं न्याय मंत्रालय , भारत सरकार के संयुक्त सचिव अनूप वार्ष्णेय ने नवागंतुक को सम्बोधित किया। उन्होंने विधिक व्यावसाय को महान एवं सर्वोत्तम व्यावसाय बताया। उन्होंने छात्रों को एल एल एम कोर्स की खूबियां बताई। उन्होंने बताया कि यह कोर्स विधि छात्रों के बुनियादी ज्ञान को पोलिश करेगा।
इसके बाद भारतीय विधि संसथान , दिल्ली के डायरेक्टर प्रोफेसर डॉ मनोज कुमार सिन्हा जी ने छात्रों को सम्बोधित किया। उन्होंने अपने उध्बोधन में एल एल एम छात्रों को यह कह कर प्रेरित करा कि वह इस देश के लीगल एजुकेशन के भविष्य है।
उन्होंने यह भी बताया कि एल एल एम कोर्स विधि छात्रों के अंदर विश्लेषणात्मक सोच को बढ़ाता है। उन्होंने अपने वक्तव्य में जॉन रॉल की न्याय की निष्पक्षता पर बात रखी। अंत मे उन्होंने अपने बात समाप्त करने से पहले यह भी कहा कि विधि छात्र अपने गुरुजनों का आदर भी करे क्योंकि गुरुजन ही उनको विधि शोध करने में सहयोग करेंगे।
इसके बाद उत्तराखंड उच्च न्यायालय के पूर्व जज एवं आर्बिट्रेशन एंड मीडिएशन के चैयरमेन राजेश टंडन ने छात्रों को सम्बोधित किया। उन्होंने अपने वक्तव्य में कहा कि यदि लॉ नही होगा तो क्रमागत उन्नति नही होगी। उन्होंने कहा कि लॉ समाज का एक जिम्मेदार सिपाही है।
समाज को आगे बढ़ाने के लिए विधिवेत्ताओं की आवश्यकता है।
शोभित यूनिवर्सिटी के माननीय कुलपति प्रोफेसर डॉ अमर प्रकाश गर्ग ने छात्रों को अपना आशीर्वचन दिया। उन्होंने अपने वक्तव्य में छात्रों को समसामरिक विषयो पर शोध करने को कहा। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिए कि आज अपराध का स्वरुप बदल गया है। आज साइबर अपराध , फाइनेंसियल अपराध सबसे ज्यादा घातक साबित हो रहा है। आगे उन्होंने अपने वक्तव्य में पर्यावरण के विषय में भी जोर दिया की यदि हम 1 डॉलर पर्यावरण संरक्षण में खर्च करते है तो पर्यावरण हमे 9 डॉलर वापस देता है।
इसके बाद शोभित यूनिवर्सिटी के कुलाधिपति कुंवर शेखर विजेंद्र ने अपने वक्तव्य में छात्रों को कहा कि वो केवल लॉ को पढ़े नहीं बल्कि उसको समाज के कल्याण के लिए भी प्रयोग करे। उन्होंने यह भी कहा कि विधिक ज्ञान केवल परीक्षा पास करने के लिए नहीं बल्कि सामाजिक उत्थान के लिए भी होना चाहिए।
कार्यक्रम के समापन में प्रोफेसर महेश कुमार मिश्रा धन्यवाद प्रस्ताव रखा।
कार्यक्रम का कुशल संचालन विधि विभाग के अस्सिटेंट प्रोफेसर अंजली उपाध्यक्ष, निशा परवीन, अजय राज सिंह एवम शैलेंद्र प्रसाद गोदियाल ने करा।