सुभारती इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी एंड इंजीनियरिंग कॉलिज में हुआ इनोवेटिव प्रोडक्ट् का उद्घाटन समारोह
मेरठ। स्वामी विवेकानंद सुभारती विश्वविद्यालय के सुभारती इंस्ट्टि्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी एंड इंजीनियरिंग में ई-बाईसाइकिल एवं लिथियम आयन फॉस्फेट से बनी बैटरी का उद्घाटन किया गया। कुलपति बिग्रेडियर डा.वी.पी. सिंह एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी डा.शल्या राज ने इनोवेटिव प्रोडक्ट ई-बाईसाइकिल एवं लिथियम आयन फॉस्फेट से बनी बैटरी का फीता काट कर उद्घाटन किया।
मैकेनिकल इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट द्वारा बनाई गई ई-बाईसाइकिल किफायती दरों पे चलने वाले यातायात को संभव बनाती हैं और लिथियम आयन फॉस्फेट से बनी बैटरी के बदौलत महज डेढ़ यूनिट बिजली में 1 ही घंटे में चार्ज हो जाती हैं और 100 किलोग्राम भार के साथ 120 किलोमीटर की दुरी तय करने में सक्षम हैं। वहीं इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट द्वारा बनाया गया सेंसर बेस्ड स्ट्रीट लाइट अपने ऑटोमेटिक सेंसर्स के सहारे अपने आप ऑन और ऑफ होने की खूबी रखती हैं जो अंधेरा होने पर खुद जल जाती है तथा दिन के उजाले में बन्द हो जाती है।
कुलपति ब्रिगेडियर डा.वी.पी. सिंह ने ग्रीन एनर्जी एवं सम्बंधित शोध पे बने इन दोनों इनोवेशन की सराहना की। उन्होंने कहा कि सुभारती विश्वविद्यालय प्रकृति का संरक्षण करने हेतु हमेशा से प्रतिबद्ध है और विश्वविद्यालय का यहीं प्रयास रहता है कि नए अनुसंधान द्वारा इस प्रकार के संसाधनों को विकसित किया जाए जो प्रकृति के लिये लाभकारी हो। उन्होंने कहा कि प्रकृति के संरक्षण हेतु विश्वविद्यालय में शोध जारी है और भविष्य में भी विभिन्न अविष्कार द्वारा प्राकृतिक संसाधनों को प्रोत्साहन देने के कार्य किये जाएगे। उन्होंने ई-बाईसाइकिल एवं लिथियम बैटरी के प्रयोग करने की सभी से अपील करते हुए कॉलिज के सभी सदस्यों को बधाई देते हुए अपनी शुभकामनाएं दी।
मुख्य कार्यकारी अधिकारी डा.शल्या राज ने कहा कि ई-बाईसाइकिल एवं लिथियम बैटरी से संसाधनों की बचत होगी बल्कि ये पर्यावरण को संजो के रखने में भी अपना योगदान देंगे। उन्होंने कहा कि पर्यावरण को प्रदूषण से बचाने हेतु हमें प्राकृतिक संसाधनों के उपयोग पर बल देना होगा ताकि हमारे वातावरण में शुद्धता बनी रहे। उन्होंने विशेष बताया कि बड़े स्तर पर ई-बाइसाइकिल का उत्पादन होने से यह मध्यमवर्ग के लिये बहुत आसानी से उपलब्ध होगी जिसमें आर्थिक व्यय भी बहुत कम होगा और यह मध्यमवर्ग का फायदेमंद वाहन साबित होगा। उन्होंने इंजीनियरिंग कॉलिज के सदस्यों को इनोवेटिव प्रोडक्ट बनाने पर गर्व प्रकट करते हुए मंगलकामनाएं दी।
इस कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए इंजीनियरिंग कॉलिज के डीन एवं प्राचार्य डा. मनोज कपिल, डा.रविश कुमार श्रीवास्तव, इंजीनियर अमित कुमार एवं इंजीनियर अजरुद्दीन की भूमिका प्रमुख रही ।