मेरठ दर्पण
Breaking News
मेरठ

देश की अखंडता के मुख्य सूत्रधार है लौह पुरूष सरदार पटेल- राजेश चन्द्रा, पूर्व न्यायमूर्ति प्रयागराज, उच्च न्यायालय

मेरठ। स्वामी विवेकानन्द सुभारती विश्वविद्यालय के सरदार पटेल सुभारती लॉ कॉलिज में राष्ट्रीय एकता और अखंण्डता के अग्रदूत लौह पुरूष और भारत रत्न सरदार वल्लभ भाई पटेल की पुण्यतिथि पर एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया। इस संगोष्ठी का आरम्भ सरदार पटेल सुभारती लॉ कॉलिज के निदेशक राजेश चन्द्रा (पूर्व न्यायमूर्ति, प्रयागराज, उच्च न्यायालय) एवं सुभारती लॉ कॉलिज के संकायाध्यक्ष प्रो. (डॉ.) वैभव गोयल भारतीय ने सभी शिक्षकों सहित सरदार पटेल के चित्र के समक्ष दीप प्रज्ज्वलन व पुष्प अर्पण कर किया।

इस कार्यक्रम की संयोजिका डॉ. रीना बिश्नोई ने बताया कि आज ही के दिन 1950 में सरदार पटेल जी का देहांत हो गया था। महान राजनीतिज्ञ, देश के प्रथम उपप्रधानमंत्री व गृहमंत्री सरदार पटेल को श्रृद्धासुमन अर्पण करने के लिये इस संगोष्ठी का आयोजन किया गया हैं। उन्होंने बताया कि एक बैरिस्टर होने के साथ साथ वह एक महान स्वतत्रंता सेनानी थे। उन्हीं के नाम पर हमारे विधि कॉलिज का नामकरण सरदार पटेल सुभारती लॉ कॉलिज किया गया।

संगोष्ठी को सम्बोधित करते हुए कॉलिज के असिस्टेंट प्रोफेसर विकास त्यागी ने कहा कि किसान के घर में जन्म लेने वाले सरदार पटेल ने विदेश में कानून की पढाई की थी। बाद में गांधीजी से प्रभावित होकर उन्होंने भारत को गुलामी से मुक्त कराने के लिये आजादी के आंदोलन में बढ़चढ़ कर हिस्सेदारी की। भारत को आजादी मिलने के समय 550 से अधिक रियासतों का विलय भारतीय संघ में कराकर उन्होंने अपने राष्ट्र प्रेम को साबित किया। उनका जीवन हम सबके लिये प्रेरणा का स्रोत बना रहेगा।

इसके बाद डॉ. सरताज अहमद ने कहा कि जब देश को आजादी मिलने वाली थी तब बटवांरे के प्रश्न पर देश के नेताओं के सामने बहुत बड़ी चुनौतियां खड़ी हो गयी, तब सरदार पटेल ने अपनी राजनीतिक सूझ-बूझ का परिचय देते हुए महात्मा गांधी, नेहरू, मौलाना अबुल कलाम आजाद और तत्कालिन वायसराय माउन्टबेटन से से लगातार वार्तालाप बनाये रखा और समस्याओं का समाधान किया। उन्होंने बताया कि सरदार पटेल का जीवन कर्तव्य निष्ठा और अनुशासन का संगम है जिसे सभी को अपने जीवन में साकार करना चाहिये।

सुभारती लॉ कॉलिज के संकायाध्यक्ष प्रो. (डॉ.) वैभव गोयल भारतीय ने बताया कि एक सशक्त व समृद्ध भारत का जो सपना सरदार पटेल ने देखा था उसको साकार करने में सरदार पटेल ने अपना पूरा सामर्थ लगा दिया। उन्होंने 550 से अधिक रियासतों को एकीकृत व अखण्ड भारत में विलय कराने में अपनी भूमिका का पूरी तरह निर्वहन किया। जिस तरह बिस्मार्क ने जर्मनी का एकीकरण किया था उसी तरह पटेल साहब ने भी भारत का एकीकरण करने में अपनी महती भूमिका निभाई। अतः उनके द्वारा दिखाये पथ पर चलकर आज के युवा अनुशासनबद्ध होकर समाज सेवा और देश सेवा से जुड़ेंगे ऐसा हमारा विश्वास है।

सुभारती विधि संस्थान के निदेशक राजेश चन्द्रा (पूर्व न्यायामूर्ति, प्रयागराज, उच्च न्यायालय) ने कहा कि सरदार साहब ने जटिल परिस्थितियों में जटिल समस्याओं का निदान करने में अपनी भूमिका बहुत शानदार तरीकें से निभाई। वे एक कुशल प्रशासक होने के साथ साथ एक महान राजनीतिक हस्ती भी थे। आज के युवाओं को उनसे प्रेरणा लेनी चाहिये क्योंकि महान लोगों का व्यक्तित्व और उनके द्वारा किये गये कार्य समाज की धरोहर होते हैं।

इस कार्यक्रम का संचालन कार्यक्रम की संयोजिका डॉ. रीना बिश्नोई ने किया। इस संगोष्ठी को सफल बनाने में प्रो. सुनील कुमार सिंह, डॉ. सारिका त्यागी, डॉ. सरताज अहमद, आफरीन अलमास, डॉ. प्रेम चन्द्र, शालिनी गोयल, एना सिसोदिया, शैफाली गर्ग आदि शिक्षकों का योगदान रहा। इस कार्यक्रम में छात्र-छात्राओं के साथ साथ कॉलिज के गैर-शैक्षणिक कर्मचारी भी शामिल रहे।

Related posts

कडी मेहनत करें और अपनी सोच को सकारात्मक रखें – डॉ रूचिका गुप्ता

Ankit Gupta

केन्द्रीय राज्य मंत्री डॉक्टर संजीव बालियान के जन्मदिन पर काटा केक

Mrtdarpan@gmail.com

बीबीए एवं बीकॉम के विद्यार्थियों के लिए कोविड-19 एवं करप्शन के विषय पर हुई चर्चा

Leave a Comment

Trulli
error: Content is protected !!
Open chat
Need help?
Hello
Welcome to Meerut Darpan News