मेरठ। स्वामी विवेकानंद सुभारती विश्वविद्यालय के कुलपति सभागार में विश्वविद्यालय की शैक्षिक परिषद की सभा आयोजित हुई। सभा की अध्यक्षता कुलपति ब्रिगेडियर डा.वी.पी सिंह ने की एवं कुलसचिव डी.के. सक्सेना ने सभा का एजेन्डा प्रस्तुत किया। सभा में विश्वविद्यालय द्वारा नए कोर्स आरम्भ करने के साथ अनुसंधान को प्रोत्साहन देने, कौशल विकास से सम्बन्धित छोटे रोजगारपरक कोर्स संचालित एवं पीएचडी सूपरवाईजर के गठन पर चर्चा के साथ कई महत्वपूर्ण निर्णय लिये गये।
सभा में विशिष्ट शिक्षाविद सरदार वल्लबभाई पटेल कृषि विश्वविद्यालय से प्रोफेसर डा. रीना दीक्षित उपस्थित रही।
कुलपति ब्रिगेडियर डा.वी.पी.सिंह ने शैक्षिक परिषद की सभा को सम्बोन्धित करते हुए कहा कि सुभारती विश्वविद्यालय अपने विद्यार्थियों को उच्च गुणवत्ता युक्त शिक्षा प्रदान कर रहा है जिसमें अब और विभिन्न प्रकार के नए कोर्स आरम्भ हो गए है। इसमें पीएचडी मेडिकल इमेजिंग टेक्नोलॉजी, पीएचडी नर्सिंग, एमसीए दो वर्ष, एमपीटी-प्रसूति एवं स्त्री रोग, एमबीए चार वर्ष, एक वर्षीय पीजी डिप्लोमा रिटेल मैनेजमेंट, एक वर्षीय पीजी डिप्लोमा, वेल्थ मैनेजमेंट, ट्रेवल एंड टूर मैनेजमेंट में तीन वर्षीय बीटीटीएम, बीएससी क्लीनरी तीन वर्ष, मूल्य वर्धित पाठ्यक्रम ई सामाग्री का विकास आंकलन व मूल्यांकन, एमजेएमसी-उद्योगिक कौशल नीति, ईएलएम, एसएलएम, दो माह सर्टिफिकेट कोर्स बॉयो मेडिकल इन्सटूमेंटेशन आदि विभिन्न प्रकार के कोर्स संचालित हो रहे है। उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय में अनुसंधान को बढ़ावा देने हेतु पूर्व से ही केन्द्रीय समिति संचालित है और अब विशेष रूप से अनुसंधान को प्रोत्साहन देकर पेटेंट व गैर पेटेंट को बल दिया जाएगा। उन्होंने विशेष बताया कि सुभारती विश्वविद्यालय शिक्षा, सेवा, संस्कार एवं राष्ट्रीयता की भावना से अपने विद्यार्थियों को शिक्षा दे रहा है इसी क्रम में विशेष रूप से कौशल विकास के रोजगारपरक छोटे विभिन्न कोर्स भी संचालित किये जा रहे है उनका मूल उद्देश्य यह है कि विद्यार्थियों में कौशलता के गुण स्थापित हो एवं उन्हें जल्द रोजगार मिल सकें। उन्होंने बताया कि भारत सरकार द्वारा बनाई गई नई शिक्षा नीति को विश्वविद्यालय लागू कर रहा है एवं इसी क्रम में पूर्व से ही शिक्षा को सुगम व सर्वसुलभ बनाने हेतु विश्वविद्यालय प्रतिबद्ध है।
मुख्य कार्यकारी अधिकारी डा.शल्या राज ने कहा कि शैक्षिक परिषद की सभा में विश्वविद्यालय में नए कोर्स आरम्भ करने, अनुसंधान के क्षेत्र में बड़े स्तर पर कार्य करने एवं रोजगारपरक कोर्स से विद्यार्थियों को लाभान्वित करने हेतु महत्वपूर्ण निर्णय लिये गये है। उन्होंने कहा कि सुभारती विश्वविद्यालय ज्ञान ज्योति के रूप में देश की युवा पीढ़ी का विकास कर रहा है और वर्तमान में नई शिक्षा नीति के माध्यम से विद्यार्थियों में कौशल विकास गुण स्थापित करने के कार्य कर रहा है। उन्होंने विशेष बताया कि सुभारती विश्वविद्यालय का यह उद्देश्य है कि विद्यार्थियों को शिक्षा देने के साथ संस्कारवान भी बनाया जाए जिससे वें अपनी योग्यता को देशहित में लगाकर सशक्त राष्ट्र निर्माण में भागीदार बन सकें।
सभा में प्रस्तुत किये गये सभी एजेन्डों को परिषद के सभी सदस्यों ने सहमति जताते हुए उसपर भविष्य में कार्य करने का संकल्प लिया। इस मौके पर शैक्षिक परिषद के सभी सदस्य उपस्थित रहे।