मेरठ निवासी आयुष गोयल ओर पीयूष गोयल ने राज्यपाल को पत्र लिखा है जिसमे B.Ed संयुक्त प्रवेश परीक्षा 9 अगस्त रविवार को निर्धारित की गई है जिसमें सबसे बड़ी विडंबना यह है कि शनिवार एवं रविवार को उत्तरप्रदेश में सम्पूर्ण लोक डाउन भी रहता है।इस प्रकार सरकारी आदेशों का उलंघन भी होगा।पुलिस प्रशासन द्वारा अनावश्यक रूप से परीक्षार्थियों को प्रताड़ित किया जाएगा। दिव्यांग परीक्षार्थियों को विशेष रूप से अत्याधिक परेशानी होगी।परीक्षार्थी को पूरा दिन परीक्षा केंद्र पर व्यतीत करना होगा।
क्योंकि परीक्षा दो पारियों में कराई जाएगी एवं शून्य काल में भी परीक्षार्थियों से परीक्षा केंद्रों पर ही रहने के लिए कहां गया है इस संबंध में हमारे द्वारा आपको 25 जून 2020 को एक पत्र प्रेषित किया गया था राज्यपाल से अनुरोध किया गया था किं महामारी कोरोना काल में बीएड प्रवेश परीक्षा कराया जाना उचित प्रतीत नहीं होता।
यह प्रकरण इस प्रकार प्रतीत होता है कि जैसे स्वयं सरकार ने ही B.ed परीक्षार्थियों को स्वयं इच्छा मृत्यु की अनुमति प्रदान कर दी हो। नीट, यूपीएससी, आदि सभी परीक्षाये स्थगित कर दी गई है सरकार द्वारा मात्र बीएड प्रवेश परीक्षा ही कराई जा रही है जो कि इस कार्यकाल में बहुत ही खतरनाक है इस आयोजन से कोरोना के कम्युनिटी स्प्रेड होने की प्रबल संभावना है। हमारा आपसे विनम्र निवेदन है कि कोरोना काल के चलते बीएड प्रवेश परीक्षा कराई जाना पांच लाख परीक्षार्थियों की जान से खिलवाड़ प्रतीत होता है इन सभी बिंदुओं को दृष्टिगत रखते हुए परीक्षा को स्थगित कराने के लिए मुख्य सचिव उत्तर प्रदेश शासन को निर्देशित किया जाए।
यदि परीक्षा स्थगित नहीं की जा सकती तो कोई ऐसी व्यवस्था लागू कर परीक्षा कराई जाए जिसमें परीक्षार्थी अपने घरों से की परीक्षा दे सके।
यदि ऐसी कोई भी व्यवस्था लागू नहीं की जा सकती हो तो मुख्य सचिव उत्तर प्रदेश शासन को निर्देशित कर जो छात्र एवं छात्रा B.Ed परीक्षा शुल्क वापस लेना चाहते हैं उन्हें उनका परीक्षा शुल्क वापिस कराने की व्यवस्था करायी जाए।
क्योंकि B.Ed परीक्षा शुल्क ₹ 1500/= बहुत अधिक है । दिव्यांगजन को मासिक पेंशन के रूप में मात्र ₹500/= प्रदान किए जाते हैं। दिव्यांग छात्र एवं छात्राओं के लिए परीक्षा देने के लिए जाना संभव नहीं है क्योंकि उनके साथ एक सहायक आवश्यक है।