मेरठ। उपचुनाव और बिहार चुनाव एनडीए के लिए उत्साह से भरे हुए हैं। दीपावली का पर्व भाजपा के लिए खुशियों की सौगात लेकर आया है। इन चुनावों में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी अपनी उपयोगिता सिद्ध कर दी। एक तरफ जहां यूपी में उनका जलवा बरकरार रहा। वहीं दूसरी ओर बिहार के वोटर्स में भी सीएम योगी का जादू सिर चढ़कर बोला।
यूपी में उपचुनाव के रुझानों में 7 सीटों में से बीजेपी 6 सीटों पर बढ़त के साथ आगे चल रही है। जिसका कारण है सीएम योगी का दबदबा जनता के बीच कायम है। विपक्ष तो योगी के आगे कहीं टिकता ही नहीं दिख रहा है। यूपी के साथ-साथ बिहार में बीजेपी के फायर ब्रांड नेता उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी का जादू दौड़ रहा है। सीएम योगी की रैली वाली बिहार की 10 सीटों पर एनडीए आगे चल रही है। कैमूर जिले की रामगढ़ सीट, अरवल, जमुई और रोहतास जिले के काराकाट विधानसभा सीट समेत सात अन्य सीटों पर एनडीए के प्रत्याशी आगे चल रहे हैं।
विपक्षी दलों ने सीएम योगी की छवि को ठाकुरवादी घोषित करने की तमाम कोशिश की परंतु उत्तर प्रदेश के साथ ही बिहार में भी सीएम योगी की लोकप्रियता कम नहीं है। यूपी में तो विपक्षी दलों चाहे वह कांग्रेस हो सपा हो या फिर बसपा हो सभी का हाल बेहाल होता दिख रहा है। आपको बता दें कि यूपी के देवरिया से लेकर कुशीनगर तक सीमा पार बिहार के सिवान, छपरा, गोपालगंज, पश्चिमी चंपारण जैसे जिले गोरखपुर से कई मामलों में जुड़े हुए हैं। सीमावर्ती बिहार के छात्र गोरखपुर में पढ़ाई करते हैं तो वहां के लोगों के लिए इलाज और कारोबार का भी बड़ा केंद्र गोरखपुर ही है। इसके अलावा गोरक्ष पीठ से भी लोगों का आध्यात्मिक जुड़ाव रहा है।
माना जाता है कि इन कारणों से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का बिहार के इन इलाकों में बड़ा प्रभाव है। इसके अलावा उनकी प्रखर हिंदुत्ववादी छवि को भी बीजेपी ने बिहार की राजनीति में कैश कराया है। गुजरात से लेकर कर्नाटक, मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़ और दिल्ली के विधानसभा चुनाव में मोदी-शाह के बाद सबसे ज्यादा रैलियां यूपी के सीएम योगी ने ही की थीं। कर्नाटक और त्रिपुरा में नाथ संप्रदाय के वोटरों को लुभाने के लिए बीजेपी ने सीएम योगी का सहारा लिया था। अब यह दिख रहा है कि बिहार में सीएम योगी के जरिए कमल खिलाने की बीजेपी की रणनीति कारगर साबित होगी।