मेरठ- राज्यसभा चुनाव में जीत के बाद अब भाजपा विधान परिषद के चुनाव में झंडा बुलंद करने की तैयारी में जुट गई है। भाजपा ने एमएलसी स्नातक और शिक्षक में जीत के लिए मंत्रियों और विधायकों को कमान सौंपी है। प्रदेशभर में क्षेत्रवार के हिसाब से जिम्मेदारी बांटी गई है।
बता दे विधान परिषद चुनाव भाजपा के लिए प्रतिष्ठा का प्रश्न बन गया है। इसीलिए ही भाजपा ने स्थानीय विधायकों व मंत्रियों को मैदान में उतारने की पूरी तैयारी की है। ये टीम उस टीम से अलग होगी जो कई महीने पहले मैदान में उतारी जा चुकी है। चुनाव के लिहाज से स्थानीय स्तर पर प्रभावी लोगों के समूह बनाकर उनका भी सहयोग व समर्थन हासिल करने के लिए सरकार व संगठन के प्रमुख लोगों को लगाने की तैयारी की गई है। इसके अलावा क्षेत्रवार बैठकें भी तय की गई हैं जो शनिवार को अवध क्षेत्र की बैठक के साथ शुरू हो रही हैं।
करीब एक साल से इन चुनाव की तैयारियों में जुटी भाजपा ने अब चुनावी रणनीति को अंतिम रूप देना शुरू किया है। मतदाता बनवाने के अभियान के बाद भाजपा ने अब मतदाताओं से व्यक्तिगत संपर्क का सिलसिला शुरू करने का फैसला किया है। साथ ही संबंधित क्षेत्र के मंत्रियों के साथ पार्टी के सांसदों व विधायकों को क्षेत्रवार मतदाताओं की सूची देकर उनसे व्यक्तिगत संपर्क करने और उन्हें भाजपा के पक्ष में मतदान करने के लिए तैयार करने की जिम्मेदारी सौंपी गई हैभाजपा ने लखनऊ स्नातक व शिक्षक सीट पर पार्टी को जिताने की जिम्मेदारी उप मुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा को सौंप चुकी है। उनकी अगुवाई में बनाई गई टीम में विधायक बंबालाल दिवाकर, डॉ. नीरज बोरा की टीम बनी है। वाराणसी की टीम में मंत्री आनंद स्वरूप शुक्ल, विधायक भूपेश चौबे, लक्ष्मण आचार्य के अलावा रामप्रकाश दुबे हैं।
आगरा शिक्षक सीट की जिम्मेदारी बेसिक शिक्षा मंत्री सतीश द्विवेदी और विधायक अनिल पराशर को। आगरा स्नातक सीट की जिम्मेदारी विधायक रामप्रताप चौहान को,प्रयागराज-झांसी सीट की जिम्मेदारी एमएलसी अरुण पाठक व प्रदेश मंत्री अशोक जाटव को,बरेली-मुरादाबाद सीट की जिम्मेदारी विधायक रितेश गुप्त,एमएलसी जयपाल व्यस्त के साथ गोपाल अंजान और ब्रज बहादुर उपाध्याय को,मेरठ शिक्षक सीट की जिम्मेदारी विधायक संजय शर्मा के साथ अनिल अग्रवाल व अमित अग्रवाल को सौंपी गई है। मेरठ स्नातक सीट पर फिलहाल बृजेश सिंह के साथ विमल शर्मा को जिम्मेदारी सौंपी गई है। रणनीतिकारों ने अब इन टीमों का विस्तार करने का फैसला किया है। इसमें उस क्षेत्र में भाजपा के सभी विधायक, मंत्री के अलावा प्रभारी मंत्रियों को भी लगाने की योजना बनी है।