मेरठ दर्पण , संवादाता -जनपद भर में रविवार को कारगिल विजय दिवस मनाया गया। इस दौरान जगह-जगह विचार गोष्ठी के आयोजन किए गए, जिसमें कारगिल के शहीदों की कुर्बानियों को गिनाया गया।
कंकर खेडा के रहने वाले प्रथम अग्रवाल ने कारगिल युद्ध के सैनिकों के शौर्य व वीरता की गाथा को सुनाया और उन्हें अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की।
बताया कि कारगिल युद्ध 1999 में भारत और पाकिस्तान के बीच हुआ था, जिसमें हमारे 527 वीर योद्धा शहीद हो गए थे। उनकी वीरता और निर्भीकता की कहानी जब सुनते हैं तो दिल में हिलोरे उठने लगते हैं। ऐसे वीर शहीदों के वीरत्व और साहसिक कार्यों का स्मरण कर हम उनको श्रद्धांजलि देते हैं। कहा कि अपने साहस, बलिदान ,राष्ट्र प्रेम व कर्तव्य की भावना से मातृभूमि पर सर्वस्व न्योछावर करने वाले अमर बलिदानी भले ही हमारे बीच नहीं हैं, मगर इनकी यादें हमारे दिलों में हमेशा रहेगी। उनके द्वारा दी गई कुर्बानियों को जन्मो जन्म तक भुलाया नहीं जाएगा। कहा कि शहीदों की चिताओं पर लगेंगे हर बरस मेले, वतन पर मिटने वालों का यही बाकी निशा होगा।