मेरठ- ‘मिशन शक्ति’ अभियान के अंतर्गत आज शहीद मंगल पांडे राजकीय स्नातकोत्तर महिला महाविद्यालय मेरठ की तरफ से छात्राओं और बालिकाओं की सुरक्षा हेतु छह दिवसीय आत्मरक्षा प्रशिक्षण कार्यक्रम ‘आयुध’ के तीसरे दिन के कार्यक्रम का उद्घाटन महाविद्यालय प्राचार्य प्रो. दिनेश चन्द ने किया। आत्मरक्षा अभियान के अंतर्गत शोतोकाई इंटरनेशनल कराटे फेडरेशन से सिहान सिराज अहमद की टीम ने एनसीसी कैडट्स व छात्राओं को कराटे की जानकारी दी और अभ्यास कराया जिसका सीखा प्रसारण महाविद्यालय पेज पर किया गया ताकि अधिकाधिक छात्रा इसका लाभ उठा सकें। कार्यक्रम का संयोजन व संचालन समिति संयोजक डा. लता कुमार ने किया। वहीं महिला सशक्तिकरण हेतु आयोजित व्याख्यान श्रृंखला के अंतर्गत आज ‘महिला शोषण और सुरक्षा के मनोवैज्ञानिक पक्ष ‘ विषय पर एक व्याख्यान का आयोजन किया गया जिसमें वक्ता के रुप में डा. मीनू भटनागर, वरिष्ठ लेखिका व शिक्षाविद, ने व्याख्यान प्रस्तुत किया। डा. भटनागर ने छात्राओं को संबोधित करते हुए कहा कि बच्चियों को अपनी सुरक्षा के प्रति सतर्क रहना चाहिए और कुछ छोटी छोटी सावधानियां भी बरतनी चाहिए ताकि वे अपराध का शिकार होने से बच सकें। बच्चियों को अपने बैग में चिलीस्प्रे जैसी चीजों को भी अनिवार्य रूप से रखना चाहिए। साथ ही किसी भी प्रकार के अपराध की स्थिति में परिवार को अवश्य बताना चाहिए और परिवार को भी अपने बच्चों की बात सावधानी से सुननी चाहिए। महाविद्यालय प्राचार्य प्रो. दिनेश चन्द ने सभी को बधाई दी और कहा कि महिला सुरक्षा का मुद्दा बहुत महत्वपूर्ण है। टीवी और सोशल मीडिया को इस पर संवेदनशील होने की जरुरत है। छात्राओं को आयोजित व्याख्यानों से लाभ अर्जित करना चाहिए। आयोजित वेबिनार का संयोजन मिशन शक्ति प्रभारी डा. लता कुमार ने और संचालन मिशन शक्ति सह-प्रभारी डा. अनुजा गर्ग ने किया। धन्यवाद ज्ञापन डा. विकास कुमार ने किया। वेबिनार का आयोजन गूगल मीट पर किया गया जिसका सजीव प्रसारण फेसबुक के माध्यम से किया गया। आयोजन में मिशन शक्ति समिति सदस्यों डॉ. स्वर्ण लता कदम, कार्यक्रम अधिकारी एनएसएस इकाई प्रथम, डॉ मंजू रानी, कार्यक्रम अधिकारी एनएसएस इकाई द्वितीय, डॉ भारती शर्मा विभाग प्रभारी शारीरिक शिक्षा, डॉ पूनम भंडारी शारीरिक शिक्षा विभाग, डॉ जितेंद्र बालियान शारीरिक शिक्षा विभाग, डॉ. ममता सागर (कला संकाय), डॉ. अमर ज्योति (बी.एड. संकाय), डॉ. सत्यपाल सिंह राणा , डा. कुमकुम (विज्ञान संकाय), डॉ. विकास कुमार ( वाणिज्य संकाय) तथा महाविद्यालय के सभी प्राध्यापकों और कर्मचारियों ने अमूल्य योगदान दिया।
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