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दिल्ली- स्वास्थ्य मंत्रालय का कहना है कि डब्ल्यूएचओ के पैमाने पर देखें तो देश में कोविड-19 का चरम (पीक) आ चुका। अब कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर को रोकने के लिए सावधानी बरतना आवश्यक है। देश में 22 सितंबर से लेकर पांच अक्तूबर तक लगातार 14 दिन कोरोना के सक्रिय (एक्टिव) मामले बढ़ने की दर शून्य से नीचे रही। डब्ल्यूएचओ के मानदंडों के मुताबिक, दुनिया के सभी देशों में इसी आधार पर कोरोना संक्रमण का पीक घोषित हुआ था। हालांकि, मंत्रालय का कहना है कि आंकड़ों के आधार पर पीक घोषित किया तो लोग लापरवाह हो सकते हैं। इसलिए आनेवाले त्यौहारी सीजन में लोगों को और ज्यादा सावधानी बरतने की जरूरत है।
रिपोर्ट के मुताबिक कोविड-19 संक्रमण के आंकड़ों से कुछ राहत  महसूस की जा सकती है। मंगलवार को कोरोना के 71,869 नए मामले सामने आए है, जबकि 81,945 मरीज ठीक हो गए और 990 मरीजों ने दम तोड़ दिया। 24 राज्यों में नए मरीजों के मुकाबले ठीक होने वाले मरीजों की संख्या अधिक रही। पिछले 19 दिनों के दौरान कोरोना के 1.10 लाख सक्रिय मामले कम हुए हैं। 17 सितंबर को देश में सबसे ज्यादा 10.17 लाख सक्रिय मामले थे, जो अब घटकर 9.7 लाख हो गए हैं।
देश में अब तक कोविड-19 संक्रमण के 67.54 लाख मामले सामने आ चुके हैं। इनमें से 57.41 लाख मरीज ठीक हो चुके हैं, जबकि इस जानलेवा वायरस ने 1.04 लाख लोगों की जान ले ली। इस समय देश में कोविड-19 परीक्षण में पॉजिटिव पाए जाने की दर 8.3 फीसदी है। यानी हर 100 कोरोना परीक्षण में आठ लोग पॉजिटिव पाए जा रहे हैं। मंगलवार को कुल 11 लाख 99 हजार 758 टेस्ट किए गए। देश में अब तक कुल 8 करोड़ 22 लाख 71 हजार 654 टेस्ट किए जा चुके हैं।
एक्टिव मरीजों की संख्या घटी
17 सितंबर को देश में सबसे ज्यादा 10.17 लाख सक्रिय मामले थे, जो उच्चतम स्तर था। उसके बाद लगातार गिरावट जारी है। 5 अक्तूबर को 9.18 लाख सक्रिय मरीज थे। यानी, 96 हजार घटे। अब यह घटकर 9.7 लाख हो गए हैं।
इन 8 राज्यों के 25 जिलों में सबसे ज्यादा कहर
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने मंगलवार को बताया कि देश में संक्रमण से अब तक 48 फीसदी मरीजों की मौत आठ राज्यों के 25 जिलों में हुई है। इनमें भी 15 जिले महाराष्ट्र के हैं। गुजरात, पश्चिम बंगाल और कर्नाटक के दो-दो जिले है। वहीं, उत्तरप्रदेश, पंजाब, तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश के एक-एक जिले हैं। कोविड-19 से सबसे ज्यादा मौतें इन्हीं जिलों में हुई हैं।
केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने बताया कि महाराष्ट्र, कर्नाटक, उत्तरप्रदेश, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश और केरल समेत 10 राज्य ऐसे हैं जहां संक्रमण के 77 फीसदी सक्रिम मामले हैं। इनमें भी तीन राज्य ऐसे हैं जहां 50 फीसदी सक्रिय मामले हैं। उन्होंने कहा कि कोरोना के सक्रिया मामले पिछले दो हफ्ते से लगातार कम हो रहे हैं। यह एक अच्छा संकेत है।
इन 6 राज्यों में पीक
महाराष्ट्र में 10 सितंबर को कोरोना के नए मामलों का रोजाना औसत 22 हजार था, जो अब घटकर 15 हजार हो गया है। जबकि पंजाब और हरियाणा में नए मामलों का रोजाना औसत 2,500 था, जो अब घटकर लगभग 1,500 है। पिछले तीन हफ्ते से बिहार, यूपी आंध्र प्रदेश में भी नए मरीजों की संख्या में लगातार गिरावट जारी है।
दिल्ली में आ चुकी दूसरी लहर
देश की राजधानी में कोरोना के नए मरीजों की सबसे ज्यादा संख्या 15 जून को दर्ज की गई थी जो कि 3,500 थी। फिर 3 महीने बाद 8 सितंबर को सक्रिया मामलों का नया पीक दर्ज किया गया। बाकी 28 राज्यों-केंद्रशासित प्रदेशों में अभी पीक नहीं आया है। हालांकि, मध्य प्रदेश, तेलंगाना और ओडिशा में नए केस घटने शुरू हो चुके हैं।
केरल में दूसरी लहर
केरल में इस महामारी का पहला मामला सामने आने के बाद शुरुआती चार महीने स्थिति नियंत्रण में थी। लेकिन चार महीने बाद जुलाई में दूसरी लहर आई और नए केस तेजी से बढ़ने लगे। यहां संक्रमण का पीक अभी नहीं आया है।
दूसरी लहर में मरीज हुए दोगुने
कोविड-19 की दूसरी लहर में रोजाना मरीजों की संख्या ज्यादा दर्ज हुई लेकिन मौतें कम हुईं। ब्रिटेन, फ्रांस, स्पेन, बेल्जियम जैसे यूरोपीय देशों में कोरोना के सक्रिय मामलों में 14 दिनों तक गिरावट जारी रहने के बाद पीक घोषित किया गया था। इन देशों में पीक तीन महीने पहले आया था। लेकिन, अब इन देशों में नए मामलों के सामने आने से नए पीक बन रहे हैं। फ्रांस और हॉलैंड में तो नए मरीजों की संख्या पहली लहर के मुकाबले दोगुनी हो गई है। इससे पता चलता है कि वायरस से संक्रमण की दूसरी लहर तीन महीने बाद आई, जो पहले से ज्यादा नुकसान पहुंचा रही है। हालांकि, पहली लहर की तुलना में दूसरी लहर में मौतें 70 फीसदी तक कम हुई हैं।

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