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बेसहारा का सहारा बने मेरठ के पत्रकार नगेन्द्र गोस्वामी

-वर्षो से गौमाता, पक्षियों व अन्य जीवों की कर रहे निष्ठा से सेवा

विश्व पशु दिवस पर विशेष
मेरठ (अंकित गुप्ता) । मेरठ के पत्रकार नगेन्द्र गोस्वामी बेसहारा का सहारा बने हुए हैं। नगेन्द्र गोस्वामी हजारों गौवंश का उपचार कर चुके है। जिन गौवंश को कुछ लोग आजकल लाठियां व धारदार हथियार मारकर दुत्कारते हैं। उनकी सेवा करना यह पत्रकार अपना सौभाग्य समझते हैं। इन्होंने बाकायदा सेवा के लिए श्री हरि गौसेवा धाम संस्था बना रखी है। जिसमें सभी गोवंश की सेवा करते हैं। तड़पते हुए जीवो या गोवंश के लिए यह पत्रकार प्रेम और करुणा बरसाते हैं। समस्त जीवो के अंदर ईश्वर चेतना के रूप में विराजमान है। इसी भावना को ध्यान में रखकर निष्ठा के साथ नगेन्द्र गोस्वामी गोवंश की सेवा में जुटे रहते हैं। नगेन्द्र गोस्वामी का बेसहारा घायल और बीमार गोवंश का उपचार करना ही उनका उद्देश्य है।
4 अक्टूबर को विश्व पशु दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस मौके पर मेरठ दर्पण के संपादक अंकित गुप्ता द्वारा नगेन्द्र गोस्वामी से मुलाकात की गई। जो एक पत्रकार है, यह पत्रकार एक नेशनल मीडिया हाउस के लिए कार्य करते हैं। पिछले 12 वर्षों से वे मीडिया के लिए कार्य कर रहे हैं। उनके अनोखे गोमाता और पक्षियों व पशु प्रेम को देखकर हर कोई उनकी तारीफ करता है। नगेंद्र गोस्वामी ने गोवंश को बेहतर उपचार दिलाने के लिए खुद ही जमीन खरीदी और यहीं पर लाकर गोवंश का उपचार करते हैं। खास बात यह है कि नगेन्द्र गोस्वामी के घर पर कोई भी पालतू जानवर नहीं है। सभी गोवंश हालात के मारे और इंसानों द्वारा परेशान किए गए हैं। जो बेसहारा के रूप में दर दर की ठोकर खाते हुए वाहनों से चोटिल हो गए या गंभीर रूप से घायल किसी गाड़ी से टकराने के बाद हो गए थे। इन सभी को यहां लाकर चारा पानी और इलाज का पूरा इंतजाम किया जाता है।
बेसहारा के रूप में सड़क पर घूमने वाले गौवंश का इलाज खुद भी करते है और अन्य चिकित्सक से भी कराते हैं। बीमारी गौवंश का इलाज करना उनकी दिनचर्या में शामिल है। नगेन्द्र गोस्वामी गौवंश का इलाज करते है और अन्य जीवों को भोजन देने के अलावा सेवा भी करते है। कई बार ऐसे हालत गम्भीर हालत में गौवंश मिलते है। जिनसे बहुत जख्म और कीड़े होने के कारण बदबू दूर तक जाती है। ऐसे में लोग उनके पास रुकना तो दूर लोग उन्हें डंडे मारकर भगा देते है। ऐसे घायल गौवंश का उपचार नगेन्द्र गोस्वामी निष्ठा के साथ करते है। उन्हें दवाई दिलाकर उनकी पीड़ा कम करने का प्रयास करते है। घायल गौवंश का तब तक इलाज किया जाता है। जब तक वह पूरी तरह ठीक नहीं हो जाता। इनके साथ उमा शर्मा, इंस्पेक्टर धनप्रकाश दक्ष, धर्मेन्द्र यादव, कल्पना पांडे, शशांक गुप्ता, जितेन्द्र गोस्वामी, अमर सिंह गोस्वामी, उमेश शर्मा, अंकित गुप्ता, चिराग गुप्ता, रोहित पंवार भी सेवा में साथ रहते है। नगेन्द्र गोस्वामी का कहना है कि इनके सहयोग से यह सेवा हो पा रही है।
सेवाभाव की कहा से मिली प्रेरणा
नगेन्द्र गोस्वामी बताते है कि वह करीब पांच साल से सेवा कार्य में जुटे हुए है। एक बार उन्होंने देखा कि किसी ने घायल गोवंश को जो लगभग मृत अवस्था में पहुंचने वाला था उसे चिलचिलाती धूप में कूड़े के ढेर पर फेंक दिया था जब नगेंद्र गोस्वामी ने देखा कि गोवंश अपने प्राण बचाने के लिए तड़प रहा है तो उन्हें ऐसा लगा कि धिक्कार है स्वार्थी लोगों का जिन्होंने जीवित गोवंश को कूड़े के ढेर पर छोड़ दिया तभी से वह गोवंश की सेवा में जुट गए और लगातार करते आ रहे हैं।
सेवा के लिए खुद के खर्च से ही बनाया स्थान
सेवा करते हुए गोवंश को कई बार स्थान न मिलने से काफी परेशानी होती है। बेसहारा गोवंश की सेवा करते हुए जगह-जगह घूमना पड़ता है। नगेंद्र गोस्वामी कहते हैं कि गौ माता की कृपा से कुछ जमीन खरीदी और यहीं पर गौ माता की सेवा करने के लिए स्थान बना लिया। जहां पर कई  गोवंश इलाज के दौरान पूर्णता स्वस्थ हो गए।
भागवत कथा के श्रवण से मिलती है सेवा करने की शक्ति 
नगेंद्र गोस्वामी बताते हैं की सेवा करने की लगातार शक्ति हर किसी व्यक्ति में बनी रहना बड़ी बात है। उन्होंने बताया की भागवत कथा, भगवान श्री हरि कथा सुनने से व्यक्ति में शक्ति का संचार होता है। भगवान की कथा सुनने से सेवा करने की शक्ति मिलती है। मन निर्मल हो जाता है भाव पवित्र रहते हैं। दूसरे का दर्द समझने की क्षमता बढ़ जाती है। उनका कहना है कि इसी सेवा करने के लिए वह नियमित रूप से भागवत कथा सुनते हैं।

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