मेरठ। वर्ल्ड कार फ्री डे के मौके पर जहां दुनिया भर में पर्यावरण प्रदुषण को रोकने के लिये लोग साल में एक दिन कार का उपयोग नही करते है वहीं उत्तर प्रदेश के मेरठ जनपद स्थित स्वामी विवेकानंद सुभारती विश्वविद्यालय में प्रत्येक बुधवार को कार फ्री डे मनाया जाता है। कार फ्री डे के मौक पर सुभारती विश्वविद्यालय में किसी भी प्रकार के वाहन का प्रयोग नही किया गया और पैदल चलकर एवं साईकिल चलाकर विश्वविद्यालय के संकायों एवं विभागों में कार्यरत प्राचार्य, फैकल्टी मैम्बर आदि ने कार फ्री डे का आनन्द लिया और पर्यावरण के संरक्षण का संदेश दिया। सुभारती विश्वविद्यालय अपने प्रथम दिन से ही हैल्थ प्रमोटिंग होने के साथ पर्यावरण का संरक्षक भी है जिसमें कैम्पस में चारों ओर लगे सुन्दर पेड़ पौधें हरियाली से वातावरण में आक्सीजन का स्तर बढ़ाकर प्रदुषण को कम कर रहे है तो दूसरी जानिब कैम्पस में बैट्री से चलने वाले प्रदुषण रहित वाहन पर्यावरण का संरक्षण कर रहे है। इसके अलावा विश्वविद्यालय के कैम्पस में रहने वाले प्राचार्य, फैकल्टी मैम्बर आदि साईकिल का प्रयोग करके विद्यार्थियों को भी ईधन रहित वाहन का प्रयोग करने हेतु प्रोत्साहित कर रहे है।
सुभारती विश्वविद्यालय के कुलपति ब्रिगेडियर डा.वी.पी सिंह ने वर्ल्ड कार फ्री डे के मौके पर सभी को पर्यावरण के सरंक्षण हेतु शुभकामनाएं दी। उन्होंने बताया कि कार फ्री डे सुभारती विश्वविद्यालय में पहले से ही मनाया जाता है जिसमें प्रत्येक बुधवार को विश्वविद्यालय के कैम्पस में हर व्यक्ति पैदल चलकर इस दिन को विशेष बनाता है। उन्होंने बताया कि कार फ्री डे को मनाने का मुख्य उद्देश्य पेट्रोल-डीजल आदि के वाहनों से होने वाले प्रदुषण को खत्म करना है ताकि प्रकृति को हराभरा बनाकर वातावरण को स्वस्थ रख सकें।
सुभारती विश्वविद्यालय की मुख्य कार्यकारी अधिकारी डा.शल्या राज ने बताया कि सुभारती विश्वविद्यालय हैल्थ प्रमोटिंग होने के साथ पर्यावरण का प्रहरी भी है। उन्होंने कहा कि कार फ्री डे को विश्वविद्यालय में प्रत्येक बुधवार को मनाकर ईधन की बचत करके प्रदुषण को रोका जाता है। उन्होंने कहा कि पर्यावरण का संरक्षण करना हमारा नैतिक दायित्व है और सुभारती विश्वविद्यालय प्राकृतिक संसाधनों को प्रोत्साहित करके पर्यावरण के संरक्षण हेतु प्रतिबद्ध है। उन्होंने विशेष बताया कि सुभारती विश्वविद्यालय का मूल मंत्र शिक्षा, सेवा, संस्कार एवं राष्ट्रीयता है जिसके माध्यम से संस्कारवान एवं नैतिक कर्यव्यों का पालन करने वाली युवा पीढ़ी तैयार करके देश को सशक्त बनाया जा रहा है। इसी क्रम में प्रतिदिन होने वाले छोटे छोटे काम को बड़ी महत्ता के साथ किया जाता है जिसमें विश्वविद्यालय के समस्त संकायों एवं विभागों व प्रशासनिक कार्यालयों में कार्य पूर्ण होने पर कमरें से बाहर आते समय स्टाफ व विद्यार्थियों द्वारा लाईट व पंखें को बंद कर दिये जाते है ताकि बिजली को बचाया जा सकें साथ ही वर्षा के जल को संचयन करके पानी को भविष्य के लिए बचाया जाता है। इसके अलावा विश्वविद्यालय में सौर ऊर्जा का अधिक उपयोग किया जाता है जिसमें कैम्पस स्थित भवनों की छत पर सौलर सिस्टम स्थापित है जिनकी सहायता से विश्वविद्यालय में सौर ऊर्जा का उपयोग हो रहा है। इसमें विशेष रूप से विश्वविद्यालय परिसर में लगी स्ट्रीट लाईट जो पूर्ण रूप से सौर ऊर्जा द्वारा संचालित है वह अंधेरा होते ही प्रकाशमय हो जाती है और परिसर को रोशन कर देती है। उन्होंने वर्ल्ड कार फ्री डे के अवसर पर देशवासियों के नाम विशेष संदेश देते हुए कहा कि पर्यावरण का संरक्षण हर नागरिक का कर्तव्य है जिसके अतर्गत वृक्षारोपण करना, सौर ऊर्जा का प्रयोग करना, पैदल चलकर ईधन को बचाना, प्रदुषण की रोकथाम करना आदि सहित यह समस्त कार्य हमारी नैतिक जिम्मेदारी है।
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